बुधवार, 4 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. sant siyaram baba teli bhatyaan khargone
Written By Author सुधीर शर्मा
Last Updated : सोमवार, 23 जनवरी 2023 (23:06 IST)

सियाराम बाबा : 100 साल से ज्यादा की उम्र में बिना चश्मे के 21 घंटे करते हैं रामचरित मानस का पाठ, श्रद्धालु मानते हैं चमत्कारी संत

siyaram baba
siyaram baba
इंदौर। Sant Siyaram Baba| भारत भूमि साधु-संतों की तपस्थली के रूप में जानी जाती है। आम जनता के लिए ये तप स्थल ही तीर्थ बन जाते हैं। ऐसे ही एक संत हैं भटयाण के सियाराम बाबा। सियाराम बाबा के बारे में कहा जाता है कि उनकी उम्र 100 साल से भी अधिक है और वे रोजाना 21 घंटे रामायण का पाठ करते हैं। बिना चश्मे के वे रामायण की चौपाइयों को पढ़ते हैं। 
 
संत सियाराम बाबा का आश्रम मध्यप्रदेश में खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर भट्यान गांव में नर्मदा किनारे स्थित है। गांव के लोग बाबा से जुड़ी कई चमत्कारिक घटनाएं बताते हैं। बाबा के दर्शनों के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु नर्मदा किनारे स्थित इस गांव में आते हैं। उनके नाम से ही गांव प्रसिद्ध हो चुका है। सियाराम बाबा की जर्जर हो चुकी काया देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। लोग देश-विदेश से इनके दर्शनों के लिए आते हैं। 
 
कड़ाके की ठंड में सिर्फ एक लंगोट : संत बाबा के तन पर कपड़े के नाम पर केवल एक लंगोट होती है। कड़ाके की ठंड हो, बरसात हो या फिर भीषण गर्मी, बाबा लंगोट के अतिरिक्त कुछ धारण नहीं करते। ग्रामीण बताते हैं कि आज तक उन्होंने बाबा को कभी पूर्ण वस्त्रों में नहीं देखा है। श्रद्धालु बताते हैं कि बाबा 10 सालों तक खड़े होकर तप किया था। 
   
हनुमानजी के भक्त : बाबा के बारे में किसी को अधिक जानकारी नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक बाबा हनुमानजी के भक्त हैं। नर्मदा किनारे ही हनुमानजी का एक छोटा-सा मंदिर है, लेकिन किसी विवाद के चलते मंदिर को दीवार से पूरा ढंक दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर पर दीवार होने के बाद कान लगाने पर भी घंटी की आवाज आती है। ग्रामीण बताते हैं कि बाबा वर्षों पूर्व महाराष्ट्र से नर्मदा किनारे आए थे। 
siyaram baba
siyaram baba
10 रुपए का चढ़ावा : आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं से बाबा सिर्फ 10 रुपए का दान लेते हैं। अगर कोई ज्यादा रुपए चढ़ाता है तो सेवादार 10 रुपए लेकर बाकी रुपए लौटा देते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक बाबा मंदिरों और धर्मशालाओं के लिए करोड़ों रुपए का दान कर चुके हैं। 
 
बिना माचिस दीपक जलाने की अफवाह : आज से करीब 2 वर्ष पहले बाबा को लेकर यह अफवाह भी सामने आई थी कि वे बिना माचिस के दीपक जलाते हैं, लेकिन इसकी सचाई जानने पर ग्रामीणों ने बताया कि बाबा ने पहले से जल रही व झुकी बत्ती को केवल सीधा किया था। लोगों ने इसे एक चमत्कार के रूप में फैला दिया।