भोपाल। मध्यप्रदेश मुरैना में अपनी पहली सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना विकसित कर रहा है, जिसमें रु 2.70 प्रति यूनिट का ऐतिहासिक टैरिफ प्राप्त हुआ है । यह भारत में पहली बार है कि किसी Firm and dispatchable नवकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए रु 3 प्रति यूनिट से कम टैरिफ हासिल किया गया है। शुक्रवार को प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने मुरैना सोलर प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया से चर्चा की। इस दौरान अपर मुख्य सचिव नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव और ऊर्जा विकास निगम के एमडी अमनबीर सिंह बैंस भी मौजूद रहे।
मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि चंबल क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मुरैना परियोजना को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना से सामान्य सौर घंटों एवं पीक घंटों के दौरान समान स्तर की विद्युत आपूर्ति की जाएगी, जबकि देश में ऐसी सभी परियोजनाओं में पीक ऑवर क्षमता की तुलना में सौर क्षमता अनुपातिक रूप से अधिक हैं। यह देश की पहली सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना भी है जिसमें 95 प्रतिशत पीक आपूर्ति की सुनिश्चित वार्षिक उपलब्धता है।
दो तरीकों से समझें क्या है सोलर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट?-क्लीन एनर्जी की दिशा में बढ़ने के लिए यह बड़ा कदम है। अब दिन की समय सोलर से पैदा होने वाली बिजली से प्रोजेक्ट के साथ स्थापित की गई विशाल बैटरी को चार्ज किया जाएगा। फिर सूरज डूबने के बाद शाम को इसी बैटरी से बिजली की सप्लाई हो जाएगी।
डिस्चार्ज बैटरी को मध्यरात्रि बाद सबसे कम दरों में मिलने वाली सस्ती ग्रिड पॉवर (थर्मल, जल या पवन) से फिर चार्ज किया जाएगा। सुबह के समय फिर बैटरी से सप्लाई दे दी जाएगी। यानि जिस तरह घरों में बिजली जाने के बाद इनवर्टर काम आते हैं बैटरी बैकअप रहता। ठीक उसी तरह अब सोलर के बड़े प्रोजेक्ट काम करेंगे।
मुरैना पार्क में दो सौर प्लस बैटरी भंडारण ईकाइयां शामिल हैं, प्रत्येक इकाई से तीनों अवधियों में 220 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होगी : (i) real time solar (220 मेगावाट तक), (ii) शाम के पीक आवर्स के दौरान 2 घंटे (बैटरी चार्ज करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा), और (iii) सुबह के पीक आवर्स के दौरान 2 घंटे (बैटरी चार्ज करने के लिए रात्रि के समय सस्ती ग्रिड पावर का उपयोग किया जाएगा)। इस पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMSL) द्वारा क्रियान्वित किया गया है, जिसने पहले भी प्रतिष्ठित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित किया है।
ई-रिवर्स नीलामी 19 सितंबर, 2025 को 25 वर्षों के लिए निर्धारित ₹ 2.70 प्रति kWh के ऐतिहासिक टैरिफ के साथ संपन्न हुई, नीलामी प्रक्रिया लगभग 12 घंटे चली। यह पूरे भारत में FDRE निविदाओं के लिए एक मील का पत्थर है, जिनमें अब तक सबसे कम टैरिफ रु 3.09 प्राप्त हुआ था, जो शाम को 2 पीक घंटों के समय अनुबंधित सौर क्षमता के केवल 50 प्रतिशत की आपूर्ति एवं 85 प्रतिशत वार्षिक उपलब्धता हेतु था।
निविदा में 16 बोलीदाताओं के साथ वैश्विक भागीदारी देखी गई, जिसमें बोली क्षमता की खरीद की जाने वाली बोली क्षमता का लगभग 10 गुना था। बोलीदाताओं में Acme Solar Holdings, Adani Renewable, AMPIN Energy, Apraava Energy, Ceigall India Limited, Dilip Buildcon, Engie energy, Goldi Solar, MB Power, NTPC Renewable energy, Power Mech, Purvah Green, ReNew Solar, Serentica Renewables, Shivalaya Constructions, and Waaree Forever Energies सहित प्रतिष्ठित कंपनियां शामिल हैं।
सफल निविदादाता Ceigall India Limited और Acme Solar Holdings Limited हैं, जिनके टैरिफ यूनिट 1 और यूनिट 2 के लिए क्रमशः रु 2.70 और रु 2.764 प्रति यूनिट हैं। इस auction में प्राप्त टैरिफ इस बात पर प्रकाश डालता है कि dispatchable नवकरणीय ऊर्जा (बैटरी भंडारण के साथ सौर ऊर्जा के संयोजन से सक्षम) कोयला आधारित बिजली की तुलना में अधिक किफायती हो गई है।
RUMSL द्वारा परियोजना को निविदा से पहले निवेश के लिए तैयार किया गया। International Finance Corporation द्वारा Transaction Advisor के रूप में मध्य प्रदेश में तैयार की गई जोखिम मुक्त परियोजनाओं ने समय-समय पर साबित किया है कि bankable अनुबंध, पूरी तरह से भूमि एकत्रीकरण, सक्रिय पारेषण योजना, वित्तपोषण और अनुबंध सहित साइट तैयार करना, पर्यावरण और सामाजिक जोखिमों को पर्याप्त रूप से कम करना, साथ ही एक पारदर्शी और विकासक अनुकूल निविदा प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बेहतर मूल्य निर्धारण से उल्लेखनीय बचत होती है।