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Last Modified: बुधवार, 1 अगस्त 2018 (12:06 IST)

मध्यप्रदेश में 'किसान ऐप' लांच, सरकारी योजनाओं की मिलेगी जानकारी

मध्यप्रदेश में 'किसान ऐप' लांच, सरकारी योजनाओं की मिलेगी जानकारी - Kisap App Launch in Madhya Pradesh
भोपाल। किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी और इनसे फायदे लेने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक 'किसान ऐप' प्रस्तुत किया है।


प्रदेश के राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बुधवार को कहा, सरकार ने किसानों के हित के लिए एक 'किसान ऐप' पेश किया है। इसके जरिए किसान प्रदेश सरकार द्वारा उनके लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में स्वयं का पंजीयन कराकर इनका फायदा ले सकेंगे।

'किसान ऐप' के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस 'ऐप' के माध्यम से किसान बोई गई फसल की स्वघोषणा कर सकेगा। इससे फसल का नुकसान होने की स्थिति में उसे सरकार द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा हासिल हो सकेगा।

इसके साथ ही किसान अपनी मालिकी भूमि के दस्तावेजों की प्रतियां भी इस 'ऐप' के जरिए ऑनलाइन हासिल कर सकता है और उसे कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को भूमि संबंधित सभी जानकारियां और रिकॉर्ड इस एक 'ऐप' पर ही उपलब्ध होंगे।

गुप्ता ने कहा कि इस 'ऐप' से किसान भूमि संबंधित खसरे सहित विभिन्न दस्तावेज हासिल करने के लिए आवेदन कर सकेंगे और नाममात्र के शुल्क पर उन्हें ये ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएंगे। इसके साथ ही किसान सरकार की उपार्जन, भावांतर और फसल बीमा योजना जैसी विभिन्न योजनाओं में अपना पंजीयन करा सकेंगे।

राजस्व मंत्री ने बताया कि प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा इससे पहले 'एम आरसीएमएस' 'ऐप' जारी किया गया था। इसके जरिए विभिन्न राजस्व विवादों की राजस्व अदालतों में स्थिति, जैसे प्रकरण की सुनवाई दिनांक आदि की जानकारी संबंधित लोगों को देने की व्यवस्था की गई है।

मंत्री ने दावा किया कि विवादित राजस्व मामलों को छोड़कर प्रदेश में राजस्व का कोई भी आवेदन 30 दिन से अधिक लंबित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पिछले माह अभियान चलाकर प्रदेश में लगभग 12 लाख राजस्व मामलों का निराकरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि देश में मध्य प्रदेश भूमिस्वामी एवं बटाईदार के हितों का संरक्षण करने के लिए कानून बनाने वाला पहला राज्य बना है। इस अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, अब भूस्वामी पांच वर्ष के लिए अपनी कृषि भूमि को बटाई या पट्टे पर निश्चिंत होकर दे सकेगा। (भाषा)
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