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Last Modified: सोमवार, 4 नवंबर 2024 (13:32 IST)

उपचुनाव में सक्रिय कमलनाथ, कहा विजयपुर में जनता दलबदल व सौदेबाज़ी करने वालों को सिखाएं सबक

उपचुनाव में सक्रिय कमलनाथ, कहा विजयपुर में जनता दलबदल व सौदेबाज़ी करने वालों को सिखाएं सबक - Kamal Nath active again in Madhya Pradesh politics
भोपाल। मध्यप्रदेश में बुधनी और विजयपुर उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विजयपुर और बुधनी  दोनों ही विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। इस बीच एक लंबे अरसे से प्रदेश की सियासत से दूरी बनाकर रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता कमलनाथ फिर प्रदेश में सक्रिय नजर आ रहे है। कमलनाथ विजयपुर और बुधनी उपचुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैली करने जा रहे है।
कमलनाथ के निशाने पर विजयपुर-विजयपुर उपचुनाव विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते रामनिवास रावत के लोकसभा  चुनाव के समय भाजपा में शामिल होने के बाद हो रहा है और उपचुनाव में रामनिवास रावत भाजपा प्रत्याशी है। ऐसे में कमलनाथ ने उपचुनाव में रामनिवास रावत के दलबदल का मुद्दा गर्माते हुए सोशल मीडिया  प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “लोकतंत्र में सौदेबाज़ी एक विकार है, और जब केन्द्र में सत्तासीन दल ही राज्यों में ख़रीद फ़रोख़्त और सौदेबाज़ी का मूक समर्थक बन जाये, तब इसे रोकना लगभग नामुमकिन सा हो जाता है। हमने मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों के उदाहरण देखें हैं जब बीजेपी ने सत्ता हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में सौदेबाज़ी और बेमेल गठबंधन कर जनता के द्वारा चुनी हुई सरकारों को गिराकर अपनी कुर्सी की भूख मिटाई है। सौदेबाज़ी से केवल एक लोकतांत्रिक सरकार की ही हत्या नहीं होती, बल्कि जनता के परिवर्तन के मूल निर्णय की भी हत्या होती है। जब ‘वोट’ से चुनी हुई सरकार को ‘नोट’ से बिके हुए नेताओं के कारण अल्पायु में मिटना पड़ता है, तब जनता के वोट की ताक़त शून्य हो जाती है।

कमलनाथ ने आगे लिखा कि “आप खुद सोचिए ! जिस अनैतिक सौदेबाज़ी को पूरा देश समझ रहा होता है, वो सौदेबाज़ी अदालतों में जाकर नैतिक और संविधान सम्मत हो जाती है। जब सौदेबाज़ी से लोकतंत्र की हत्या का अभियान शुरू किया जाता है, तब चुनाव आयोग, विधानसभा अध्यक्ष, राज्यपाल, अदालत और सौदेबाज़ी को संरक्षण देती केन्द्र और राज्य सरकारों की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगते ही हैं।जनता भी कुछ दिनों तक सौदेबाज़ी के खिलाफ मुखर होती है, क्रोध और ग़ुस्सा दिखाई देता है, फिर उपचुनाव आते-आते सौदेबाज़ नेता नकाब बदलकर सत्तासीन दल के लावा लश्कर के साथ फिर वोट माँगने आ जाता है, और भोली भाली जनता फिर ठग ली जाती है।

सौदेबाज़ी की ख़ासियत यह होती है कि दलबदलू नेता जिस चुनाव चिन्ह से जीतकर आया था, उसे ही हराने में पूरी ताक़त झोंक देता है। विपक्षी नेता अचानक से सरकार बन जाता है, और सरकार जिससे हारी थी, उसे ही जिताने के लिए फिर जनता के सामने लोटने का अभिनय करने लगती है। मुझे आज भी ऐसा लगता है कि जिस दिन जनता ने सौदेबाज़ी और ख़रीद फ़रोख़्त को सिरे से ख़ारिज कर दिया, उसी दिन लोकतंत्र पवित्र हो जायेगा। जनता को यह समझना होगा कि सौदा केवल किसी पद या दल का नहीं, बल्कि उसके वोटों का हुआ है। मध्यप्रदेश के श्यौपुर जिले की विजयपुर विधानसभा की जनता के पास इस समय लोकतंत्र को पवित्र करने की ज़िम्मेदारी है। मैं मतदाताओं से अपील करता हूँ कि इस बार केवल विधायक चुनने के लिए नहीं, बल्कि दलबदल और सौदेबाज़ी रोकने के लिये मतदान करें। विजयपुर की जनता पूरे देश को यह संदेश दे कि वो धोखेबाज़ी के खिलाफ है। जनता न्याय के साथ है। जनता सत्य के साथ है।

उपचुनाव सरकार के कामकाज की समीक्षा- वहीं कमलनाथ ने उपचुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार को भी घेरा है। कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुदनी और श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के ये दोनों ही उपचुनाव जनता को सरकार के 10 महीनों के कामकाज की समीक्षा करने और सरकार को कर्तव्यबोध कराने का अवसर देते हैं। ये उपचुनाव जनता को अपने वोट की ताक़त से सरकार की नींद खोलने और उन्हें आईना देखाने का मौक़ा देते हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में झूठे वादे कर सत्ता में आई बीजेपी सरकार युवाओं को रोज़गार देने में पूरी तरह से विफल रही है। कमलनाथ ने आगे लिखा कि शिवराज सिंह चौहान को जो जंगलराज लागू करने में कुछ बरस लगे थे, आपने कुछ महीनों में ही वो कीर्तिमान रच दिया है। मैं उपचुनाव क्षेत्र की जनता से अपील करता हूँ कि इस सरकार को जगाने और अपने वोट की ताक़त दिखाने की नीयत से मतदान करें और बीजेपी की पराजय सुनिश्चित कर लोकतंत्र के महापर्व को पावन और सार्थक बनायें।
 
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