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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 8 जुलाई 2021 (14:05 IST)

एक्सप्लेनर: मोदी की कोर टीम में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश की राजनीति पर क्या डालेंगे असर?

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया

एक्सप्लेनर: मोदी की कोर टीम में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश की राजनीति पर क्या डालेंगे असर? - Jyotiraditya Scindia in PM Narendra Modi core team
भोपाल। कैबिनेट विस्तार के बाद नरेंद्र मोदी सरकार में मध्यप्रदेश का कद और बढ़ गया है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक को मोदी कैबिनेट विस्तार में शामिल करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। अगर मोदी कैबिनेट विस्तार का सियासी विश्लेषण किया जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया एकलौता ऐसा नाम है जो मंत्रिमंडल में शामिल किए सभी चेहरों पर भारी पड़ता दिखता है।
 
करीब सवा साल पहले 10 मार्च 2020 को कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल होने वाले और मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के सूत्रधार बने ज्योतिरादित्य सिंधिया के मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने से भाजपा के अंदर उनके कद में और इजाफा हो गया है। कैबिनेट मंत्री बनने के‌ साथ ही सिंधिया एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोर टीम का हिस्सा हो गए है।

मोदी कैबिनेट के विस्तार और ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने का असर आने वाले समय में मध्यप्रदेश की सियासत पर भी देखने को मिल सकता है। भाजपा में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश की सियासत में सिंधिया का सीधा दखल बना हुआ है।

बात चाहे शिवराज सरकार में अपने समर्थक को मंत्री बनाने की रही हो या पिछले दिनों जिलों के प्रभारी मंत्रियों की घोषणा में,सिंधिया की हनक और प्रभाव सीधा नजर आया। सिंधिया ने अपने सबसे नजदीकी मंत्री तुलसी राम सिलावट को ग्वालियर का प्रभारी मंत्री बनाया। इसके साथ लगभग सभी समर्थक मंत्रियों को ग्वालियर-चंबल के जिलों का प्रभार दिलवाने में सिंधिया सफल रहे।  
 
ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहचान एक ऐसे नेता की है जो ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रभावी होने के साथ-साथ मध्यप्रदेश में सत्ता की कुंजी माने जाने वाले मालवा-निमाड़ की राजनीति में भी सीधा दखल रखते है। केंद्रीय मंत्री की शपथ ग्रहण करने से पहले भी सिंधिया मालवा-निमाड़ के दौरे पर ही थे। इसके साथ पिछले दिनों सिंधिया का एक पखवाड़े में दो बार भोपाल दौरा और दिग्ग्जों के साथ लंच-डिनर पॉलिटिक्स भी खूब सुर्खियों में भी रहा।     
 
ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अब प्रदेश के सियासी समीकरण कितना बदलेंगे इस पर भी नजर रखनी होगी। सिंधिया घराने की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार डॉ राकेश पाठक कहते है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने से मध्यप्रदेश की सियासत में असर पड़े या न पड़े लेकिन ग्वालियर-चंबल की सियासत पर जरूर असर पड़ेगा। मोदी सरकार में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जो अब तक इस क्षेत्र ‌का प्रतिनिधित्व करते थे, सिंधिया के मंत्री बनने से उनके कद पर जरूर असर पड़ेगा। 
 
इसके साथ मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी उसी ग्वालिचर-चंबल से आते है जहां से सिंधिया। ऐसे में ग्वालियर-चंबल की सियासत को बैलेंस करना और सभी दिग्गजों का साधे रखना भाजपा के लिए अपने आप में एक चुनौती है। 

ऐसे में अब जब मध्यप्रदेश में आने वाले समय में निगम मंडलों की नियुक्ति के साथ नगरीय निकाय चुनाव भी होने है तब कितने सिंधिया समर्थक कितने नेताओं को जगह मिलती यह भी देखना दिलचस्प होगा।  
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