शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. मध्यप्रदेश
  4. Heavy police force imployed in Indore after farmer gets violent
Written By
Last Modified: इंदौर , रविवार, 4 जून 2017 (11:34 IST)

उपद्रव के बाद इंदौर में भारी पुलिस बल तैनात, हालात शांतिपूर्ण

उपद्रव के बाद इंदौर में भारी पुलिस बल तैनात, हालात शांतिपूर्ण - Heavy police force imployed in Indore after farmer gets violent
इंदौर। मध्यप्रदेश में किसानों के 1 जून से जारी आंदोलन के दौरान शनिवार देर रात यहां बिजलपुर क्षेत्र में उपद्रव के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और हालात फिलहाल शांतिपूर्ण बने हुए हैं।
 
कलेक्टर पी. नरहरि ने रविवार को बताया कि बिजलपुर क्षेत्र में फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण  बनी हुई है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल  तैनात है। 
 
उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि बिजलपुर क्षेत्र में शनिवार रात पथराव और वाहनों में  आगजनी की घटनाओं में शामिल लोग आंदोलनकारी किसान नहीं, बल्कि उपद्रवी थे। हम  उपद्रवियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कराते हुए उन्हें गिरफ्तार करेंगे और उनसे पूरी  सख्ती से निपटेंगे। 
 
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चोइथराम चौराहा स्थित देवी अहिल्याबाई फल-सब्जी मंडी  के बाहर कुछ लोग कल रात वाहनों की आवाजाही को बलपूर्वक रोकने की कोशिश कर रहे थे।  पुलिस ने जब लाठीचार्ज कर उन्हें वहां से खदेड़ा, तो वे पास की आम सड़क से गुजर रहे  वाहनों पर पथराव करने लगे।
 
अधिकारियों ने बताया कि थोड़ी देर बाद उपद्रवियों ने फल-सब्जी मंडी से सटे बिजलपुर क्षेत्र  में आम रास्तों पर पथराव शुरू कर दिया और कुछ वाहनों में आग लगा दी। पथराव में  करीब 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़कर देर  रात हालात पर काबू पाया। 
 
इस बीच, किसान आंदोलन में शामिल संगठन ‘किसान सेना’ के सचिव जगदीश रावलिया ने  शनिवार रात बिजलपुर क्षेत्र में हुईं हिंसक घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि किसान  आंदोलन के दौरान ऐसे वाकये सामने नहीं आने चाहिए। रावलिया ने कहा कि बिजलपुर में  शनिवार रात कुछ ऐसे उपद्रवी तत्व सक्रिय हो गए थे, जो किसानों के आंदोलन को बदनाम  करना चाहते हैं। 
 
प्रदेश के किसानों ने अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा  करते हुए अनाज, दूध और फल-सब्जियों की आपूर्ति रोक रखी है। इनमें आलू और प्याज  समेत सारी प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किए जाने, सभी कृषि  उपज मंडियों में एमएसपी से नीचे फसलों की खरीद नहीं किए जाने को कानूनी रूप से  बाध्यकारी बनाए जाने, कृषि ऋणों की माफी और सरकार द्वारा किसानों की सिंचित व  बहुफसलीय कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किए जाने की मांगें शामिल हैं। (भाषा)