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Last Modified: बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 (10:41 IST)

अंबेडकर प्रतिमा विवाद पर हाईअलर्ट पर ग्वालियर, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर, स्कूलों में छुट्टी, हथियार लेकर चलने पर रोक

Gwalior Ambedkar statue dispute
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने को उठा विवाद और आज (15 अक्टूबर) को लेकर सोशल मीडिया पर शहर में शक्ति प्रदर्शन की चेतावनी के बाद आज ग्वालियर हाईअलर्ट है। जिले में धारा 163 का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और संवेदनशील इलाके पर पुलिस- प्रशासन की पूरी नजर है। ऐहतियात के तौर पर जिले के 12वीं तक के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में आज छुट्टी कर दी गई है।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर- ग्वालियर में आज सुबह से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी सड़कों पर दिखाई दे रहे है। कलेक्टर रूचिका चौहान और एसएसपी धर्मवीर सिंह सुबसे से शहर के संवेनशील इलाकों का दौर कर हालात का जायजा ले रहे है। जिला प्रशासन द्वारा पुलिस के साथ मिलकर हर परिस्थिति से निपटने के लिये पुख्ता इंतजाम किए सुबह से ही सभी दल पूरी तरह तैनात हैं। जिला प्रशासन द्वारा पुलिस के साथ मिलकर हर परिस्थिति से निपटने के लिये पुख्ता इंतजाम किए गए। ग्वालियर जिले की सभी सीमाओं और ग्वालियर को जोड़ने वाले अन्य मार्गों  था ग्रामीण अंचल में  बैरीकेट्स लगाकर वाहनों की बारीकी से चैकिंग की जा रही है। है। इन चेकिंग पॉइंट पर 24 घंटे निगरानी की जा रही है। साथ ही ग्वालियर शहर में संयक्त दल लगातार भ्रमण कर हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे हैं।

कलेक्टर ने ग्वालियर में किसी भी प्रकार से हथियार रखकर चलने पर रोक लगा दी है, वहीं सुबह से चेंकिंग प्वाइंट लगाकर गाडियों को चेक किया जा रहा है। करीब 4 हजार से अधिक अधिकारी और पुलिस कर्मी आज शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात है।

क्या है पूरा विवाद?- मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर हाईकोर्ट परिसर में  चबूतरा बनाया गया। हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किए जाने को नियम विरूद बताते हुए बार एसोसिएशन के एक गुट ने इसका विरोध किया। वहीं कुछ वकील प्रतिमा स्थापित किए जाने के समर्थन में आ गए। इस बीच बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के अगुवाई में वकीलों का एक गुट खुलकर प्रतिमा स्थापित किए जाने के विरोध में आ गया। इसको लेकर मई में वकीलों और भीम आर्मी के सदस्यों के बीच झमकर झड़प हुई और विरोध को शांत करने के लिए पुलिस को दखल देना पड़ा।

इस बीच हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने 5 अक्टूबर को अंबेडकर की मूर्ति लगाने का खुला विरोध करते हुए अंबेडकर को अंग्रेजों का गुलाम और एजेंट बताते हुए उन्हे गंदा और झूठा व्यक्ति बता दिया। अंबेडकर पर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में अब दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए एडोवोकेट अनिल मिश्रा का सबक सिखाने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर सवर्ण संगठनों ने अनिल मिश्रा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर ग्वालियर कूच का एलान किया था। हलांकि बाद मे प्रशासन के हस्ताक्षेप के बाद संगठनों ने किसी भी के आंदोलन से पीछे हट गए है। सोमवार को प्रशासन के साथ चर्चा में  दोनों पक्षों ने आंदोलन न करने की बात लिखित में दी
 
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