शुक्रवार, 17 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. ED raids close associates of black money king Saurabh Sharma
Last Updated : शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (15:36 IST)

काली कमाई के कुबेर सौरभ शर्मा के करीबियों पर ईडी की छापा, भोपाल और ग्वालियर में कार्रवाई

काली कमाई के कुबेर सौरभ शर्मा के करीबियों पर ईडी की छापा, भोपाल और ग्वालियर में कार्रवाई - ED raids close associates of black money king Saurabh Sharma
भोपाल। आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा के मामले में शुक्रवार को ईडी ने राजधानी भोपाल और ग्वालियर में छापे में मारा है। ईडी की टीम ने आज सुबह भोपाल में इंद्रपुरी स्थित नवोदय हॉस्पिटल समेत 4 ठिकाने और ग्वालियर में मुरार स्थित सीपी कॉलोनी समेत 4 जगहों पर छापे मारे हैं। ईडी की टीम भोपाल में नवोदय कैंसर अस्पताल के संचालकों से निवेश के संबंध में पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम को अस्पताल में सौरभ शर्मा के करीबी और दूसरे अन्य लोगों के बड़े पैमाने पर निवेश की जानकारी मिली थी।
ग्वालियर में ईडी की टीम ने सौरभ शर्मा के करीबी पंजीयन विभाग के रिटायर सब रजिस्ट्रार केके आरोरा के मुरार स्थित सीपी कॉलोनी पर छापा मारा है। केके आरोरा के सौरभ शर्मा के बिजनेस पार्टनर विनय हासवानी के साथ साझादारी थी। भोपाल के मेंडोरी स्थित विनय हासवानी के फार्म हाउस से ही 54 किलो सोना और 11 करोड़ कैश से लदी कार मिली थी। छापे की कार्रवाई के दौरान केके आरोरा अपने घर पर नहीं मिले। बताया जा रहा है वह अपने बेटे के पास बंगलुरु में है। बताया गया कि ईडी की टीम सुबह लगभग 5 बजे अरोरा के ग्वालियर स्थित सीपी कॉलोनी मुरार स्थित घर पहुंची. वहां अरोरा नहीं मिले, लेकिन वहां से कई दस्तावेज मिले हैं. फिलहाल ईडी के अफसर अरोरा के घर से मिले दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों की अवैध कमाई से जमीनों और कारोबार का साम्राज्य  खड़ा कर लिया. परिवहन महकमें से नौकरी छोड़ने से पहले ही वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ गया था. मूल रूप से ग्वालियर निवासी  सौरभ को अपने डॉक्टर पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. महज कुछ साल की नौकरी में ही उसका रहन-सहन बदल गया था. इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने ले लिया. इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा.
कुछ समय पहले लोकायुक्त ने उसके यहां रेड करके करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया फिर इस मामले में ईडी की भी एंट्री हुई. सूत्रों का दावा है कि विनय हासवानी ही बीते 19 दिसंबर 2024 को इनोवा कार को चार से पांच गाड़ियों के काफिले के साथ दो बार मेंडोरी ले गया था. इसके बाद उसके लोग इस कार को लगातार वॉच कर रहे थे. बाद में इस कार को पुलिस ने जब्त किया. इसमें नकदी के साथ-साथ 54 किलो सोना जब्त किया गया था. जिस  जगह पर यह गाड़ी जब्त की गई, वहां सिर्फ 3 फॉर्म हाउस हैं. उससे आगे जाने का कोई रास्ता भी नहीं है.

सात साल में करोड़ों की काली कमाई-आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा ने सात साल की नौकरी में करोड़ों  की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा है। भोपाल में रहने वाले पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर जब पिछले दिनों लोकायुक्त और इनकम टैक्स की टीम ने कार्रवाई की तो काली कमाई का जखीरा देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। अब तक की कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए की नगदी,50 लाख रुपए का सोना,दो क्विटंल चांदी की सिल्ली, चांदी के 10 किलो जेवर मिले है। इसके साथ  भोपाल में एक निर्माणाधीन बंगला और एक स्कूल , भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में प्रॉपर्टी और घर में नोट गिनने की  सात मशीन मिली। सौरभ शर्मा ने महज सात साल ही नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया।

सोना लदी लावरिस कार से सौरभ शर्मा का कनेक्शन-भोपाल में मेंडोरी गांव से जिस एसयूवी गाड़ी से 54 किलो सोना और 10 करोड़ बरामद हुआ है वहां सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। सौरभ शर्मा मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है. जबकि उसका दोस्त चेतन गौर भी ग्वालियर का ही रहने वाला है। ग्वालियर के आरटीओ नंबर से रजिस्टर्ड जिस इनोवा क्रिस्टा से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नगद मिला है, उसका उपयोग सौरभ सिंह ही करता है। बताया जा रहा है कि चेतन सिंह,  सौरभ शर्मा का बेहद नजदीकी है। सौरभ शर्मा के साथ बतौर ड्राइवर का काम शुरू करने वाले चेतन सिंह आज सौरभ सिंह का सबसे बड़ा राजदार है और सौरभ के रियल एस्सटेट से जुड़े काम वहीं संभाल रहा है। परिवहन विभाग से लेकर कारोबार में चेतन सिंह ने जिम्मेदारी संभाल रखी थी। मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाले चेतन सिंह करीब छह साल पहले ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हो गया था।