भाजपा विधायकों के कांग्रेस में आने के विरोध में अजय सिंह, निष्ठावान कार्यकर्ता पर क्या गुजर रही होगी?
भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के साथ आने के बाद जहां पार्टी के सभी नेता बढ़ चढ़कर उनके स्वागत में बयानबाजी कर रहे है तो दूसरी ओर अब पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर सुनाई देने लगे हैं।
विंध्य के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह इस पूरे घटनाक्रम से बेहद नाराज दिखाई दे रहे हैं। मीडिया ने जब अजय सिंह से इस पूरे मामले पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने एक तरह से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेरी राय जगजाहिर है। आज इन दोनों नेताओं के आने के बाद पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता क्या सोच रहा होगा यह बात सोचनी चाहिए।
पार्टी के इस दिग्गज के सार्वजनिक तौर पर इस तरह नाराजगी जताने के बाद अब पार्टी के बड़े नेता भी सकते में है। वैसे विंध्य की सियासत में अजय सिंह और नारायण त्रिपाठी की सियासी अदावत कोई नई बात नहीं है।
विंध्य के सियासत के जानकार कहते हैं कि नारायण त्रिपाठी के कांग्रेस के साथ आने पर भले ही पार्टी ने सदन में विरोधी दल भाजपा को अपनी ताकत दिखा दी हो लेकिन इसका कोई बड़ा जमीनी लाभ पार्टी को नहीं मिलने जा रहा है। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस को विंध्य में एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है उससे इस क्षेत्र में मौजूदा पूरे सियासी समीकरण अब भी पार्टी के विरोध में ही दिखाई दे रहे हैं।
अजय सिंह के विधानसभा चुनाव हारने के बाद लंबे समय से उनके राजनीतिक पुर्नवास की अटकलें लगाई जा रही है लेकिन कांग्रेस सरकार बनने के सात महीने बाद भी अब भी यह बातें सिर्फ अटकलों से ज्यादा नहीं साबित हुई है।