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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 2 सितम्बर 2023 (08:57 IST)

भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए I.N.D.I.A के सामने एकजुटता की अग्निपरीक्षा!

भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए I.N.D.I.A  के सामने एकजुटता की अग्निपरीक्षा! - Question of unity before I.N.D.I.A to defeat BJP
नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से रोकने और भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए मुंबई मे दो दिनों तक विपक्ष के 28 दलों ने मंथन किया। बैठक में दो दिन चले मंथन के बाद विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' शामिल कई पार्टियों के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ एकजुटता का संदेश दोहराया। बैठक के बाद कांग्रेस सांसद सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मतभेद भुलाकर सभी पार्टी के नेता एकजुट हुए है। विपक्ष एकजुट है ऐसे में भाजपा का जीतना नामुमकिन है। राहुल गांधी ने कहा कि 'इंडिया' देश की 60 फीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है और अगर हम एक साथ रहे तो जीतेंगे।

मुंबई में चली दो दिन की बैठक में गठबंधन की एकता बनाए रखने के लिए एक समन्वय समिति भी बनाई गई है। दो दिन चली बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए जिसमें 2024 का लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने के साथ, सीट बंटवारें का फॉर्मूला जल्द तैयार करना और जनता के मुद्दों को देश के अलग-अलग राज्यों में उठाना शामिल है। 

मुंबई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में जोर-शोर से एकजुटता का मुद्दा उठा और सभी नेताओं ने एकजुटता की हुंकार भी भरी लेकिन सवाल यह है कि क्या विपक्ष लोकसभा चुनाव तक पूरी तरह एकजुट रह पाएगा?

सीट शेयरिंग पर एकजुटता की अग्निपरीक्षा-मुंबई मे दिन चली विपक्ष की बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर कोई आम सहमति नहीं बन सकी। बैठक में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जल्द सीट शेयरिंग का फॉर्मूला निकालने की बात कही। बैठक में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीट शेयरिंग 30 सितंबर तक कर लेना चाहिए और इसके लिए अलग मैकेनिज्म होना चाहिए। केजरीवाल ने  कहा कि लोकसभा चुनाव जल्द कराए जा सकते हैं, इस देखते हुए हमें भी जल्दी करनी चाहिए है। वहीं इस पर दूसरे नेताओं ने भी सहमति जताते हुए कहा कि हम समय बर्बाद कर रहे हैं।

वहीं बैठक के बाद खुद राहुल गांधी ने सीट शेयरिंग पर खुलकर अपनी बात रखी। बताया जा रहा है कि बैठक में राज्यों के मुताबिक सीट शेयरिग का फॉर्मूला तय करने की बात कही गई। बैठक में कुछ नेताओं ने सीट शेयरिंग के लिए गाइडलाइन बनाने का भी सुझाव दिया। वहीं बंगलुरु के बाद अब मुंबई में भी राहुल गांधी ने सभी को एक साथ लेकर चलने की बात कही। बताया जा रहा है कि बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टियों के प्रदर्शन के आधार पर सीट शेयरिंग का मुद्दा उठा लेकिन इस पर कोई आम सहमति नहीं बन पाई। हलांकि बैठक में शामिल 28 दलों के नेताओं ने संकल्प लिया कि वे लोकसभा चुनाव में जहां तक संभव होगा वहां तक मिलकर लड़ेंगे और बहुत जल्द सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी।

दरअसल सीट शेयरिंग का फॉर्मूला ही विपक्षी एकजुटता की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है। इसका कारण यह है कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल 28 दल राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरते है। उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का लेफ्ट के साथ कांग्रेस से सीधा मुकाबला होता है। वहीं केरल में कांग्रेस की वाम दलों के साथ आमने-सामने का मुकाबला होता है। वहीं पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सामने चुनावी मैदान में कांग्रेस होती है और उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस के सामने समाजवादी पार्टी होती है। वहीं बैठक में ममता बनर्जी भी सीट बंटवारे पर जल्द चर्चा चाहती थी लेकिन बंगाल में लेफ्ट के रुख से उन्हें आपत्ति है।
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कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करने की अग्निपरीक्षा-विपक्षी गठबंधन इंडिया के सामने लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करना भी एक अग्निपरीक्षा है। मुंबई में दो दिन चली बैठक में गठबंधन के नेताओं ने समन्वय समिति गठित करने के साथ कई अन्य अहम फैसले लिए लेकिन गठबंधन के लोगो (logo) पर कोई अतिम फैसला नहीं सकता। वहीं बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी की खबरें भी सामने आई। मीडिया के हवाले से आई खबरों में बताया गया कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नाराजगी जाहिर की और पूछा कि उन्होंने बिना कोई बात किए अडानी का मुद्दा क्यों उठाया, कारण गठबंधन में कांग्रेस अकेले अपना मुद्दा नहीं बना सकती है.

मोदी के सामने चेहरे की चुनौती?-2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती नरेंद्र मोदी के सामने एक सशक्त चेहरा उतारना है। अब तक विपक्षी गठबंधन की तीन बैठकें हो चुकी है लेकिन अब तक चुनाव में विपक्षी गठबंधन के एक साझा चेहरे पर एक राय नहीं बन सकी है। मुंबई बैठक के दौरान जब गठबंधन में शामिल नेताओं से इस सबंध में सवाल पूछा गया तो सभी ने अपने-अपने तरीके से जवाब दिए। ऐसे में मोदी के सामने एक साझा चेहरा पेश करना भी विपक्ष की सबसे बड़ी चुनौती होगा और इस चेहरे को चुनने के लिए उसे एक तरह से अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा।