इन मुस्लिम देशों में हैं हिंदू मंदिर
दुनिया में भारत और नेपाल ही हिंदू बहुल देश हैं, लेकिन हिंदू पूरी दुनिया में फैले हैं। मुस्लिम देशों में भी उनकी अच्छी खासी तादाद है। डालते हैं एक नजर मुस्लिम देशों में स्थित मंदिरों पर।
मलेशिया
मलेशिया में हिंदू तमिल समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं और इसलिए यहां बहुत सारे मंदिर हैं। गोमबाक में बातु गुफाओं में कई मंदिर हैं। गुफा के प्रवेश स्थल पर हिंदू देवता मुरुगन की विशाल प्रतिमा है।
इंडोनेशिया
आज इंडोनेशिया भले ही दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, फिर भी वहां की संस्कृति में हिंदू तौर तरीकों की झलक दिखती है। वहां बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर हैं। फोटो में नौवीं सदी के प्रामबानान मंदिर में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को देखा जा सकता है।
पाकिस्तान
पाकिस्तान के चकवाल जिले में स्थित कटासराज मंदिर का निर्माण सातवीं सदी में हुआ था। इस मंदिर परिसर में राम मंदिर, हनुमान मंदिर और शिव मंदिर खास तौर से देखे जा सकते हैं। पुरातात्विक विशेषज्ञ इसके रखरखाव में जुटे हैं।
बांग्लादेश
बांग्लादेश की 16 करोड़ से ज्यादा की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी लगभग दस फीसदी है। राजधानी ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में और भी कई मंदिर हैं।
ओमान
फरवरी 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ओमान पहुंचे तो वह राजधानी मस्कट के शिव मंदिर में भी गए। इसके अलावा मस्कट में श्रीकृष्ण मंदिर और एक गुरुद्वारा भी है।
यूएई
संयुक्त अरब अमीरात में अभी सिर्फ एक मंदिर है जो दुबई में है। इसका नाम शिव और कृष्ण मंदिर है। जल्द ही अबु धाबी में पहला मंदिर बनाया जाएगा जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने रखी।
बहरीन
काम की तलाश में बहुत से लोग भारत से बहरीन जाते हैं, जिनमें बहुत से हिंदू भी शामिल हैं। उनकी धार्मिक आस्थाओं के मद्देनजर वहां शिव मंदिर और अयप्पा मंदिर बनाए गए हैं। (तस्वीर सांकेतिक है)
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की संख्या अब लगभग 1000 ही बची है। इनमें से ज्यादातर काबुल या अन्य दूसरे बड़े शहरों में रहते हैं। अफगानिस्तान में जारी उथल पुथल का शिकार हिंदू मंदिर भी बने। लेकिन काबुल में अब भी कई मंदिर बचे हुए हैं।
लेबनान
लेबनान के जाइतून में भी हिंदू मंदिर मौजूद है। वैसे लेबनान में रहने वाले भारतीयों की संख्या ज्यादा नहीं है। 2006 के इस्राएल-हिज्बोल्लाह युद्ध के बाद वहां भारतीयों की संख्या में कमी आई।