अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री समेत दर्जनों महिलाओं ने किया पिंडदान
पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा श्राद्ध कर्म करने की परंपरा को तोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने पूर्वजों और गर्भ में ही मार दी गई कन्या भ्रूणों का पिंडदान किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री नंदिता मिश्रा ने रविवार को कानपुर में दिवंगत नेता के लिए पिंडदान किया। यह पिंडदान 'पितृपक्ष' के दौरान किया गया और कानपुर में इसका आयोजन 'युग दधीचि देह-दान संस्थान' द्वारा गंगा नदी के किनारे सरसैया घाट पर किया गया। नंदिता पूर्व प्रधानमंत्री के बड़े भाई प्रेम बिहारी वाजपेयी की पौत्री हैं।
पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा श्राद्ध कर्म करने की परंपरा को तोड़ते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं ने पिंडदान किया। संस्थान के अध्यक्ष मनोज सेंगर ने कहा, "इस तरह के कार्यक्रम हमें कुछ अलग करने की ताकत और इच्छा देते हैं। यह कार्यक्रम के आयोजन का नौवां साल है और हम इस वर्ष महिलाओं की बढ़ी भागीदारी को देखकर खुश हैं।"
दर्जनों महिलाएं, जो डॉक्टर, शिक्षिकाएं और अन्य पेशेवर हैं, अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए 'पिंड दान' कर रही हैं। साथ ही वे गर्भ में मार दी गई अजन्मी बच्चियों के लिए भी पिंडदान कर रही हैं। सेंगर ने कहा कि अजन्मी बच्चियों के लिए 'बेटी बचाओ अभियान' के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजक मनोज सेंगर के अनुसार इसकी खास बात यह रही कि 20 साल की उम्र के आसपास की कुछ लड़कियां भी अपने पिता के लिए श्राद्ध कर्म का अनुष्ठान करने के लिए आगे आई हैं।
-आईएएनएस