BCCI महेंद्र सिंह धोनी और स्टीफन फ्लेमिंग के बीच में क्या खिचड़ी पक रही है?
अभी आईपीएल प्लेऑफ खत्म भी नहीं हुआ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और स्टीफन फ्लेमिंग के बीच अजीब सी खिचड़ी पकनी शुरु हो गई है।
चेन्नई सुपर किंग्स का इस शुक्रवार को अपने आखिरी लीग मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से हार के बाद सफर खत्म हो गया। इस मैच में धोनी ने 13 गेंद में 25 रन की आतिशी पारी खेली लेकिन यह टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने के लिए काफी नहीं था।
धोनी ने मौजूदा सत्र में 220.55 की शानदार स्ट्राइक रेट से और 53.67 की औसत से 161 रन बनाये। वह इस अब तक इस आईपीएल के सबसे बड़े आकर्षण रहे है और हर मैदान में बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक पहुंच रहे थे। ऐसा माना जा रहा है धोनी के परिकथा अंत ना हो पाने के कारण अब संभवत धोनी के आईपीएल पारी का अंत हो गया है। लेकिन ऐसा नहीं है। पिछले सत्र की तरह महेंद्र सिंह धोनी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
सूत्रों के मुताबिक महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स प्रबंधन को कुछ भी नहीं बताया है और वह 1-2 महीने बाद ही अपनी स्थिति पर रुख स्पष्ट करेंगे।
लेकिन ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उनका काम आसान करने के लिए और अपना काम निकलवाने के लिए एक गुजारिश की है। सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक बोर्ड ने धोनी से स्टीफन फ्लेमिंग को भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के पद के लिए आवेदन देने के लिए मनाने की कोशिश की है।
अगर ऐसा हो जाता है तो स्टीफन फ्लेमिंग भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बन जाएंगे और महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के कोच बन जाएंगे। ऐसे में दोनों के ही काम हो जाएंगे। महेंद्र सिंह धोनी को फ्रैंचाइजी से संन्यास लेने के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।
जहां तक बात स्टीफन फ्लेमिंग की है तो वह चेन्नई को अपने कार्यकाल में 5 ट्रॉफी जितवा चुके हैं। साल 2008 में वह चेन्नई की टीम में मौजूद थे। अगर यूं कहें कि चेन्नई की सफलता का जितना श्रेय धोनी का है उतना ही फ्लेमिंग का तो गलत नहीं होगा।
स्टीफन फ्लेमिंग उन चुनिंदा कीवी खिलाड़ियों में से है जिन्हें भारत में भद्र पुरुष नहीं कहा जाता। 90 के अंत और 21वीं सदी की शुरुआत में वह भारतीय टीम को मैदान से बाहर बहुत कोसते थे। साल 2000 की चैंपियन्स ट्रॉफी फ्लेमिंग ने भारत के खिलाफ खिताबी मुकाबले में पाई थी।
लेकिन आईपीएल के बाद से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियो में नरम रुख आ चुका है तो यह मानना कि स्टीफन फ्लेमिंग में भी बदलाव आ चुका होगा यह तर्कसंगत बात है। बस यह देखना होगा कि क्या महेंद्र सिंह धोनी स्टीफन फ्लेमिंग को मना पाते हैं या नहीं।