टीम चयन में 3 खामी, जो वर्ल्डकप जीतने के सपने पर फेर सकती है पानी
भारतीय चयनकर्ताओं ने 30 मई से इंग्लैंड एंड वेल्स में शुरू होने वाले आईसीसी एकदिवसीय विश्वकप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम की सोमवार को घोषणा कर दी है। घोषणा होते साथ ही तमाम क्रिकेट विशलेषकों की प्रतिक्रिया आने लगी।ज्यादातर इंग्लैंड जाने वाली इस टीम से नाखुश दिखे। तीन प्रमुख खामियां जो मिशन विश्वकप में टीम इंडिया के लिए पड़ सकती है भारी।
1)सिर्फ तीन तेज गेंदबाज-
जहां न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें 4 से 5 तेज गेंदबाज इंग्लैंड ले जा रही हैं। वहीं भारतीय टीम सिर्फ 3 तेज गेंदबाज ले जा रही है। जरूरत पड़ने पर चौथे गेंदबाज की कमी हार्दिक पांड्या, केदार जाधव पूरी करेंगे। विश्वकप जैसे टूर्नामेंट में 4 तेज गेंदबाजों के साथ न उतरना घातक हो सकता है। वह भी तब अगर एक गेंदबाज घायल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो जाए।
2) रिषभ पंत के ऊपर दिनेश कार्तिक को तरजीह
यह निर्णय सबसे चौंकाने वाला था क्योंकि कई समय से चयनकर्ता पंत को मौका दे रहे थे। पंत को विकेट के पीछे मौका देने के बाद कार्तिक को अचानक से दूसरा विकेटकीपर बना कर भेजना किसी के भी गले नहीं उतरा। पंत की कीपिंग में खामी जरूर देखने को मिली थी लेकिन उनके होने से एक बाएं हाथ का बल्लेबाज टीम को मिल जाता।इस से टीम में विविधता आती।
3) ऑलराउंडरों की भरमार
ऐसा लग रहा है ऑलराउंडर भरने के चक्कर में चयनकर्ताओं ने स्थाई बल्लेबाज और गेंदबाज को नजरअंदाज कर दिया है। विजय शंकर या केएल राहुल को टीम चार नंबर पर खिलाएगी। इससे बेहतर होता कि नंबर चार पर टीम को मजबूती देने वाला बल्लेबाज खिलाया जाता।नंबर चार के लिए अंबाती रायडू एक बेहतर विकल्प होते।
ऐसे ही रवींद्र जडेजा की जगह खलील अहमद या नवदीप सैनी को लेकर जाया जा सकता था।