मुंबई। आईसीसी विश्व कप-2019 के लिए सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपनी टीम की घोषणा करेगा और सभी निगाहें बल्लेबाजी क्रम में 'चौथे नंबर' के खिलाड़ी और 'एक्स फैक्टर' पर लगी रहेंगी।
बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय समिति मुंबई में बीसीसीआई के मुख्यालय में सोमवार को विश्व कप टीम का ऐलान करेगी। हालांकि प्रसाद और कप्तान विराट कोहली के अनुसार टीम का लगभग चयन किया जा चुका है और इसमें 1 या 2 स्थानों के लिए ही माथापच्ची होगी।
प्रसाद और विराट पहले ही संकेत दे चुके हैं कि आईपीएल-12 का प्रदर्शन विश्व कप टीम के चयन में मायने नहीं रखेगा। प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि 20 खिलाड़ियों का पूल चुना जा चुका है जिनमें से 15 का चयन होना है। प्रसाद के नेतृत्व वाले चयन पैनल के अन्य सदस्य सरनदीप सिंह, देबांग गांधी, जतिन परांजपे और गगन खोड़ा हैं।
टीम सोमवार को चुनी जाएगी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में विश्व कप की टीमों को 23 मई तक अपने अंतिम दल में परिवर्तन की अनुमति दे रखी है। विश्व कप का आयोजन 30 मई से इंग्लैंड में होना है और इंग्लैंड वही जगह है, जहां भारत ने पहली बार 1983 में कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीतकर इतिहास रचा था। भारत ने दूसरी बार 2011 में अपनी मेजबानी में यह खिताब अपने नाम किया था।
हालांकि पिछले काफी समय से टीम संयोजन को लेकर चयनकर्ताओं में माथापच्ची चल रही थी जबकि कप्तान विराट भी अलग-अलग सीरीज में विभिन्न संयोजनों को लेकर प्रयोग कर चुके हैं जिनमें मध्यक्रम में चौथे नंबर पर बल्लेबाज को लेकर स्थिति अब भी साफ नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया के साथ भारतीय टीम की घरेलू मैदान पर गत माह हुई वनडे सीरीज आईसीसी टूर्नामेंट से पूर्व आखिरी अंतरराष्ट्रीय सीरीज भी थी जिसमें विराट ने भी कई प्रयोग किए थे, बावजूद इसके भारत को 5 मैचों की सीरीज में 2-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी जबकि इससे पहले भारत ने न्यूजीलैंड को उसके घर में 4-1 से और ऑस्ट्रेलिया को उसी की जमीन पर 2-1 से हराया था।
31 वर्षीय स्टार बल्लेबाज ने घरेलू सीरीज हारने के बाद कहा था कि इस हार के बावजूद विश्व कप टीम लगभग तय है और आखिरी समय में एकाध बदलाव ही देखने को मिलेगा। ओपनिंग में शिखर धवन और रोहित शर्मा का स्थान पक्का है और लोकेश राहुल को वैकल्पिक ओपनर चुना जा सकता है। राहुल ने इस आईपीएल में ओपनिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। शिखर ने भी अपने पिछले मुकाबले में नाबाद 97 रनों की शानदार पारी खेली थी।
हालांकि मध्यक्रम में चौथे नंबर पर चयन काफी दिलचस्प होने वाला है। यही वह क्रम है जिस पर खेलते हुए युवराज सिंह ने 2011 के विश्व कप में यादगार प्रदर्शन किया था और भारत को खिताबी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह क्रम पिछले कुछ समय में लगातार चर्चा का विषय रहा है। चौथे नंबर पर अंबाटी रायुडू टीम के सबसे सीनियर सदस्य महेंद्र सिंह धोनी यहां तक कि लोकेश राहुल और युवा ऋषभ पंत विकल्प हो सकते हैं।
यह दिलचस्प है कि 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से टीम प्रबंधन ने चौथे क्रम पर 11 बल्लेबाजों को उतारा है, जिनमें अंबाटी रायुडू ने सर्वाधिक मैच खेले हैं। गत वर्ष विंडीज के साथ घरेलू सीरीज में भी रायुडू की इस क्रम पर भूमिका को कप्तान ने सराहा था। हालांकि पिछले काफी समय से रायुडू की फॉर्म संतोषजनक नहीं है लेकिन आईपीएल में उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेली हैं।
कप्तान विराट की पसंद पंत टीम के लिए एक्स फैक्टर होने के साथ-साथ दूसरे वैकल्पिक विकेटकीपर बल्लेबाज भी हो सकते हैं। हालांकि टेस्ट में खुद को साबित कर चुके पंत के लिए अभी वनडे में खुद को साबित किया जाना बाकी है। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज विस्फोटक बल्लेबाजी करता है और टीम को मध्य ओवरों में जरूरी रन गति दे सकता है।
टीम में दूसरे विकेटकीपर के रूप में पंत का मुकाबला दिनेश कार्तिक के साथ है। कार्तिक ने खुद को फिनिशर के रूप में तैयार किया है और उनकी बल्लेबाजी में भी एक आक्रामकता है। धोनी के बाद टीम में एक विकेटकीपर चुना जाना है और पंत तथा कार्तिक में से कोई एक विश्व कप टीम का हिस्सा बनेगा। पंत कलाई के स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाज हैं। भारत 'ए' टीम के कोच राहुल द्रविड़ भी उनसे काफी प्रभावित हैं।
ऑलराउंडर के लिए हार्दिक पांड्या सबसे प्रबल दावेदार हैं, जो मध्यम गति की गेंदबाजी के साथ-साथ विस्फोटक बल्लेबाजी भी करते हैं। लेफ्ट आर्म स्पिनर रवीन्द्र जडेजा अपनी उपयोगी बल्लेबाजी तथा जबरदस्त फील्डिंग के कारण विश्व कप टीम में जगह बना सकते हैं। पिछले कुछ समय से लगातार आजमाए जा रहे विजय शंकर भी ऑलराउंडर की भूमिका में उतर सकते हैं। पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर और मध्य क्रम के उपयोगी बल्लेबाज केदार जाधव इस भूमिका में जगह बना सकते हैं।
टीम चयन में तेज गेंदबाजी आक्रमण पर भी निगाहें रहेंगी जिनमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार तीनों प्रबल दावेदार देखे जा रहे हैं। इसके अलावा पांड्या भी तेज गेंदबाज ऑलराउंडर हैं, जो चौथे तेज गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं।
चयनकर्ता यदि गेंदबाजी क्रम में 4 तेज गेंदबाज विशेषज्ञ उतारने की सोचते हैं तो दीपक चाहर और नवदीप सैनी को मौका मिल सकता है। दोनों ही आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और विश्व कप टीम का 'सरप्राइज' हो सकते हैं। कप्तान विराट आमतौर पर गेंदबाजी आक्रमण में 3 तेज गेंदबाज, 1 विशेषज्ञ स्पिनर और 1 ऑलराउंडर खेलाना पसंद करते हैं।
स्पिनरों के लिए दोनों कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जगह पक्की मानी जा रही है। पिछले 2 वर्षों में ये दोनों गेंदबाज भारतीय टीम का हिस्सा रहे। जडेजा अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन और केदार जाधव अपनी पार्टटाइम ऑफ स्पिन से टीम को अतिरिक्त स्पिन विकल्प दे सकते हैं। अंतिम एकादश में यदि सरप्राइज की बात की जाए तो मुंबई के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ पर भी दांव खेला जा सकता है।
इस विश्व कप का प्रारूप ऐसा है कि भारत को अन्य 9 टीमों के साथ 1-1 मुकाबला खेलना है यानी 9 मैचों में भारत के पास ओपनिंग में तमाम विकल्प मौजूद रहने चाहिए। यदि ओपनिंग खराब रहती है तो टीम की बल्लेबाजी का सारा दारोमदार विराट के कंधों पर आ जाएगा।
चयनकर्ताओं को विश्व कप टीम चुनते समय इंग्लैंड की पिचों और वहां की परिस्थितियों को भी ध्यान में रखना होगा। इंग्लैंड की पिचें आमतौर पर स्विंग और तेज गेंदबाजी के लिए अनुकूल रहती हैं जिन पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता। भारत ने 1983 में जब विश्व कप जीता था तब टीम में कपिल देव, रोजर बिन्नी, मदनलाल और बलविंदर सिंह संधू के रूप में 4 स्विंग गेंदबाज थे जिन्होंने वहां की परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए भारत को खिताब दिलाया था।