सबसे पहला टी-20 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम जब जब मैदान पर उतरती है तो इस कप की प्रबल दावेदार लगती है। हालांकि 2007 के बाद टीम कप जीतने में विभिन्न कारणों से विफल रही।
कागज पर मजबूत दिखने वाली भारत की टीम अहम मैचों में दम तोड़ देती है। इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही लग रहे हैं।
ताकत- भारतीय टीम की बल्लेबाजी उसकी सबसे बड़ी ताकत है। टीम के पास रोहित शर्मा, केएल राहुल जैसे सलामी बल्लेबाज हैं तो सर्वकालिक महान विराट कोहली तीसरे नंबर पर है। चौथे नंबर पर आधुनिक युग के श्रीमान 360 डिग्री सूर्यकुमार यादव हैं। इसके बाद हार्दिक पांड्या। अभी तो टीम में ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक को लेकर संशय है, बल्लेबाजी को लेकर।
कमजोरी- टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी गेंदबाजी है, जो जसप्रीत बुमराह के ना होने से और अधिक खुलकर दिख रही है। भुवनेश्वर कुमार अंतिम ओवर की गेंदबाजी में लगातार महंगे साबित हुए हैं। वहीं हर्षल पटेल लगभग हर मैच में 4 ओवर में 50 रन दिए जा रहे हैं। सिर्फ अर्शदीप सिंह ही भारत के लिए किफायती साबित हुए हैं। उम्मीद है ऑस्ट्रेलिया की पिच पर तेज गेंदबाजी सुधरे।
इन 5 खिलाड़ियों पर रहेगी निगाहेंरोहित शर्मा- 2007 से रोहित शर्मा टीम के लिए हर टी-20 विश्वकप का हिस्सा रहे हैं। इस बार वह कप्तान है इस कारण उन पर निगाहें होना लाजमी है। बल्ले से उनका फॉर्म फिलहाल उतना अच्छा नहीं है।
विराट कोहली- कई विशेषज्ञों और फैंस की मानें तो यह टी-20 विश्वकप विराट कोहली का आखिरी टी-20 विश्वकप हो सकता है। इस कारण उन पर दबाव और निगाहें दोनों रहेगी। उनकी फॉर्म में वापसी एक खुशखबरी है।
हार्दिक पांड्या- हार्दिक पांड्या टीम के सबसे बड़े एक्स फैक्टर माने जा रहे हैं। गेंद और बल्ले से अगर वह लगातार कमाल करते हैं तो टीम इंडिया कम से कम सेमीफाइनल तक का सफर तय कर लेगी।
सूर्यकुमार यादव- हाल ही में अपने शॉट्स से रीमान 360 डिग्री का तमगा ले चुके सूर्यकुमार यादव पर इस टी-20 विश्वकप में सबकी निगाहें रहेंगी। पिछले टी-20 विश्वकप में वह कुछ खास नहीं कर पाए थे, इस बार वह अपनी गलती सुधारने निकलेंगेँ।
अर्शदीप सिंह- सूर्यकुमार यादव की तरह ही अर्शदीप सिंह युवा गेंदबाज है और बाएं हाथ का होने के कारण उनको ऑस्ट्रेलिया में खासी मदद मिल सकती है। उनकी गेंदबाजी पर फैंस की निगाहें रहेंगी।
आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम : रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उप-कप्तान), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद शमी।
स्टैंडबाई खिलाडी: मोहम्मद सिराज, श्रेयर अय्यर, रवि बिश्नोई और शार्दुल ठाकुर।