पीटरसन ने बिना दर्शकों के IPL कराने का सुझाव दिया
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के कारण भले ही सभी खेल गतिविधियां अनिश्चितकाल के लिए थम गई हों लेकिन इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन का अब भी मानना है कि अगर विंडो उपलब्ध होती है तो इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें चरण का आयोजन किया जाना चाहिए।
उन्होंने ‘संक्षिप्त’ लीग का प्रस्ताव दिया जिसे बंद स्टेडियम में आयोजित किया जाना चाहिए और दर्शकों की जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए।
पीटरसन ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ के शो ‘क्रिकेट कनेक्टिड’ में कहा, ‘चलिए जुलाई-अगस्त जल्दी है, मेरा सचमुच मानना है कि आईपीएल का आयोजन होना चाहिए। मेरा मानना है कि यह क्रिकेट सत्र की शुरुआत होती है। मुझे लगता है कि दुनिया का प्रत्येक खिलाड़ी आईपीएल में खेलने के लिए बेताब है।’
आईपीएल सिर्फ खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता बल्कि इसके आयोजन के पीछे जो लोग काम करते हैं, उनके लिए भी अहम होता है।
पीटरसन ने कहा, ‘कोई तरीका होगा जिससे फ्रेंचाइजी कुछ धन कमा सकें जैसे कि आयोजन के लिए तीन स्थल लिए जाए जो खेल प्रेमियों के लिए पूरी तरह बंद हों और खिलाड़ी तीन या चार हफ्ते के समय में टूर्नामेंट में खेल लें।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह थोड़ा छोटा टूर्नामेंट होगा और वो भी तीन स्टेडियम में जिन्हें हम जानते हों कि ये सुरक्षित हैं।’ टूर्नामेंट 29 मार्च को शुरू होना था लेकिन अब यह 15 अप्रैल तक स्थगित हो गया है और मौजूदा हालात को देखते हुए इसके आयोजन की संभावना कम ही लगती है।
लेकिन पीटरसन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसे हालात में दर्शकों का जोखिम लेने की जरूरत है। मुझे लगता है कि उन्हें समझने की जरूरत है कि वे इस समय स्टेडियम में मैच नहीं देख सकते।’
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर भी पीटरसन की बात से सहमत थे और उन्होंने भी आईपीएल के आयोजन के अहमियत पर बात की।
उन्होंने कहा, ‘जैसे ही सभी प्राधिकरण से मंजूरी मिल जाती है, आईपीएल का आयोजन किया जाना चाहिए क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था शुरू हो जाएगी क्योंकि जब आप आईपीएल की बात करते हो तो यह मुंबई इंडियंस या धोनी या विराट कोहली के बारे में नहीं बल्कि काफी लोग हैं जो आईपीएल के जरिए आजीविका कमा रहे हैं।’
हाल में राजस्थान रॉयल्स के कार्यकारी चेयरमैन मनोज बदाले ने कहा था कि छोटे आईपीएल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, बशर्ते बीसीसीआई और अन्य शेयरधारक भी ऐसा ही सोचते हों। (भाषा)