युवावस्था में गेंदबाजी करना आसान था : मुरलीधरन
कोलकाता। अपने शीर्ष दिनों में बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे सफल गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन का मानना है कि उनकी युवावस्था में गेंदबाजी करना आसान था जब टी-20 क्रिकेट का अधिक चलन नहीं था।
मुरलीधरन ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमारे समय में गेंदबाजी करना आसान था। अब खेल विकसित हो गया है और गेंदबाजी करना आसान नहीं है। हमने काफी टी-20 मैच नहीं खेले और टेस्ट मैचों में वे इतने छक्के नहीं मारते थे जितने आज के समय में मारते हैं।’
टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट हासिल करने वाले मुरलीधरन ने कहा कि 1996 में विश्व कप जीतना उसके करियर का सर्वश्रेष्ठ क्षण रहा। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजी कोच ने कहा, ‘मैं 1996 विश्व कप जीत को हमेशा सहेजकर रखूंगा क्योंकि यह श्रीलंका क्रिकेट के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज थी।
सनराइजर्स के लिए यह लम्हा 2016 में आया जब उन्होंने आईपीएल ट्रॉफी जीती।’रूपा के इस प्रचार कार्यक्रम के सत्र में सनराइजर्स के कप्तान केन विलियमसन ने अपने किशोर दिनों को याद किया जब वे सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानते थे जबकि सीनियर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद अपने पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ने की संभावना पर बात की। (भाषा)