नई दिल्ली। विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बीच समय के साथ आपसी समझ और मजबूत होती जा रही है और मौजूदा कप्तान को इस बात पर गर्व है कि कोई भी बाहरी ताकत इन दोनों के बीच दोस्ती को प्रभावित नहीं कर सकी है।
कोहली ने वेब सीरीज ‘ब्रेकफास्ट विद चैम्पियंस’ के एपिसोड के दौरान कहा, ‘काफी लोग हमारे बीच मतभेद की खबरें उड़ाने की कोशिश करते हैं। सबसे अच्छी बात है कि न तो वह इन लेखों को पढ़ते हैं और न ही मैं। और जब लोग हमें साथ में देखते हैं तो वे हैरान होते हैं कि ‘हम दोनों के बीच मतभेद नहीं थे’। हम आपस में काफी हंसते हैं और कहते हैं कि हमें नहीं पता कि ऐसा कुछ था’
ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने एक बार कहा था कि धोनी ऐसा खिलाड़ी है, जो उतना ही मजाकिया है जितना कि कोई सात वर्ष का बच्चा होता है। मौजूदा भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हेडन बिलकुल भी गलत नहीं हैं।’
कोहली ने कहा, ‘काफी लोगों को पता नहीं है कि उनमें बच्चों जैसा उत्साह है। वह चीजों से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं और हमेशा ही कुछ नया देखने की कोशिश करते हैं जिससे उन्हें दिलचस्पी पैदा हो।’ कोहली ने धोनी के साथ अपने बचपन के दिनों की मजाकिया वाकया याद किया, जिसमें वह हंसते हंसते लोटपोट हो गए थे।
उन्होंने कहा, ‘मैंने एक बार उन्हें अपने अंडर-17 दिनों का वाकया सुनाया था। यह अकादमी का मैच था। एक नया लड़का आया था और मैंने उसकी ओर गेंद फेंकी और पूछा ‘कहां से’ (मतलब किस छोर से गेंदबाजी करोगे) तो उस लड़ने ने जवाब दिया (भैया नजफगढ़ से)।’
भारतीय कप्तान ने कहा, जब मैंने यह वाकया महेंद्र सिंह धोनी को बताया तो उन्होंने हंसना शुरू कर दिया और यह सब तब हो रहा था जब मैच चल रहा था। कोहली का धोनी के प्रति सम्मान साफ देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि मैंने रणनीति के मायने में, मैच में क्या हो रहा है इसे जानने के मामले में और क्या किया जा सकता है, इसके बारे में उनसे बेहतर क्रिकेटिया ज्ञान नहीं देखा है। निश्चित रूप से, मैं अपनी समझ के हिसाब से चलता हूं लेकिन जब भी उनसे पूछता हूं, उसमें से 10 में से आठ या नौ बार वह जो बताते हैं, कारगर होता है। इतने वर्षों में हमारी मित्रता प्रगाढ़ ही हुई है।
भारतीय टीम में बदलाव का दौर कैसा होगा, इस पर लोगों को संशय था लेकिन कोहली ने इसे इतना आसान बनाने के लिए धोनी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, यह बदलाव इतना आसान रहा। मैदान पर किसी भी खिलाड़ी को यह नहीं लगा कि बदलाव हो रहा है। हर चीज बिलकुल सरलता से हुई और मैं खुश हूं कि वह मेरी कप्तानी के शुरूआती दिनों में वह मेरे साथ थे। मैं भाग्यशाली हूं कि वह मेरे साथ हैं।
कोहली ने तो यहां तक कहा कि क्रीज पर धोनी की काबिलियत पर वह आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा, महेंद्र सिंह धोनी और मेरे बीच काफी अच्छी समझ है। विकेट के बीच दौड़ते हुए अगर वह दो कहते हैं तो मैं आंख बंद करता हूं और दौड़ने लगता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि उनका फैसला इतना सही होता है कि मैं ऐसा कर लूंगा।
कोहली के अनुसार टीम के दो मजाकिया किरदार हार्दिक पंड्या और शिखर धवन हैं। उन्होंने कहा, हार्दिक पंड्या के पास आईपोड है लेकिन इसमें अंग्रेजी के ही गाने डाउनलोड किए हुए हैं। वह इन अंग्रेजी गानों के पांच अक्षर तक नहीं जानता। वह सिर्फ इनकी धुन पर ही मटकता है। हार्दिक एंटरटेनर है। उसके जैसा खोया हुआ आदमी मैंने जिंदगी में नहीं देखा।
उन्होंने कहा, वह कुछ भी कह सकता है। कुछ दिन पहले वह अश्विन के बारे में कुछ बताने की कोशिश कर रहा था। तो उसने कहा, ‘यार वो रवि कश्यप अश्विन (रविचंद्रन अश्विन) क्या बोलिंग करता है’। वह अपनी जुबान पर लगाम नहीं रखता लेकिन वह साफ दिल का इंसान है।
धवन के बारे में कोहली ने रणजी ट्रॉफी के दिनों का वाकया याद किया, उन्होंने कहा, रणजी मैच में हमारा विकेटकीपर पुनीत बिष्ट था, शिखर पहली स्लिप में खड़ा था और मैं दूसरी में। इस मैच के दौरान एक नया खिलाड़ी टीम में आया था और वह हमेशा मेरे पास आकर कहता कि कितना अच्छा बल्ला है और कितने अच्छे जूते हैं। वह ड्रेसिंग रूम में मेरे पीछे खड़ा दिखता था।
उन्होंने कहा, क्षेत्ररक्षण करते हुए मैंने पुनीत से कहा कि मुझे इससे खीझ होती है। पुनीत ने कहा कि मैं जानता हूं लेकिन वह बुरा लड़का नहीं है। अब हमारे शिखर धवन ने अपना जादुई दिमाग चलाया। उसने कहा, मुझे लगता है कि वह तुम्हारी नोटबुक में आना चाहता है’। मैंने उससे पूछा, ‘नोटबुक’। शिखर ने कहा, ‘यह वो किताब है जिसमें हर कोई आना चाहता है।’ तब मुझे पता चला कि वह क्या कहना चाहता था। मैं और पुनीत इस बात पर बहुत हंसे। (भाषा)