Leave my dad alone says Ravichandran Ashwin : संन्यास लेने वाले रविचंद्रन अश्विन के पिता रविचंद्रन ने गुरवार को यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि उनके बेटे के संन्यास लेने के पीछे एक कारण अपमान भी हो सकता है लेकिन इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने पिता की टिप्पणी को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए इसके लिए मीडिया ट्रेनिंग की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
अश्विन ने बुधवार को ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के समाप्त होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके एक बड़ा धमाका किया। वह उसी शाम चेन्नई के लिए रवाना हो गए और बृहस्पतिवार सुबह यहां उनके परिवार और मित्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
अश्विन ने अपने फैसले को दिल की आवाज सुनना बताया और कहा कि यह कुछ समय से उनके दिमाग में था। उनके पिता ने हालांकि अपमान सहित अन्य कारकों की ओर संकेत करके लोगों को चौंका दिया।
रविचंद्रन ने सीएनएन न्यूज18 से कहा, मुझे भी आखिरी समय में पता चला। जिस तरह से उन्होंने संन्यास लिया उसके कई कारण हो सकते हैं। केवल अश्विन ही जानते हैं, शायद अपमान के कारण।
बाद में हालांकि अश्विन ने इस मामले को शांत करने की कोशिश की और कहा कि उनके पिता मीडिया से बात करने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं और उनकी टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।
अश्विन ने अपने पिता का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चुटकी लेते हुए लिखा, मेरे पिता मीडिया प्रशिक्षित नहीं हैं, डे फादर इन्नेडा इथेलाम (यह सब क्या है, पिताजी)। मैंने कभी नहीं सोचा था कि आप पिता के बयानों की इस समृद्ध परंपरा का पालन करेंगे।
उन्होंने एक्स पर लिखा, आप सभी से अनुरोध है कि उन्हें माफ कर दें और उन्हें अकेला छोड़ दें।
रविचंद्रन ने कहा कि परिवार कुछ समय से अश्विन के संन्यास की उम्मीद कर रहा था क्योंकि उनका अपमान हो रहा था, हालांकि उन्होंने इसकी सटीक प्रकृति का खुलासा नहीं किया।
उन्होंने कहा, अचानक हुए बदलाव - संन्यास - ने हमें चौंका दिया। हम इसकी उम्मीद कर रहे थे क्योंकि अपमान हो रहा था।
रविचंद्रन ने कहा, वह कब तक उन सभी चीजों को बर्दाश्त करता है? शायद उसने खुद ही फैसला किया होगा।
रविचंद्रन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर जाने का फैसला अश्विन का था।
उन्होंने कहा, यह उसकी (अश्विन की) इच्छा और चाहत है, मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। जिस तरह से उसने संन्यास लिया, एक तरफ मैं बहुत खुश था, दूसरी तरफ खुश नहीं था क्योंकि उसे खेलना जारी रखना चाहिए था।
अश्विन ने ब्रिसबेन में मीडिया से कहा था, मुझे लगता है कि मेरे अंदर अब भी कुछ जोश बाकी है। इस तरह उन्होंने केवल क्रिकेट से परे कारणों का संकेत दिया।
भारत के लिए 537 टेस्ट विकेट लेने वाले अनुभवी ऑफ स्पिनर अश्विन पर वाशिंगटन सुंदर को पर्थ में पहले टेस्ट के लिए चुना गया था जबकि एडीलेड में गुलाबी गेंद के टेस्ट में इस 38 वर्षीय स्पिनर को खेलने का मौका मिला।
हालांकि अश्विन को गाबा में तीसरे टेस्ट के लिए फिर से एकादश से बाहर किया गया और इस बार रविंद्र जडेजा को खेलने का मौका मिला।
कप्तान रोहित शर्मा ने खुलासा किया था कि उन्होंने पर्थ टेस्ट के दौरान अश्विन से बात की थी और उन्हें दिन-रात्रि के मैच में खेलने के लिए मनाया था।
उन्होंने कहा, यह उनके दिमाग में था और जाहिर तौर पर इसके पीछे कई चीजें थीं। जब मैं पर्थ पहुंचा तो हमने इस पर बात की और मैंने किसी तरह उन्हें गुलाबी गेंद से होने वाले टेस्ट मैच के लिए रुकने को मना लिया।
अश्विन ने कहा, इसके बाद चीजें होती चली गईं । उसे लगा कि अगर अभी मेरी (अश्विन की) जरूरत नहीं है तो मेरे लिए खेल को अलविदा कह देना ही बेहतर है।
अश्विन क्लब क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे और अगले साल आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेलेंगे। (भाषा)