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Last Modified: शनिवार, 12 नवंबर 2022 (14:50 IST)

बार्कले फिर बने अध्यक्ष लेकिन ICC की तिजोरी की चाबी लगी जय शाह के हाथ में

बार्कले फिर बने अध्यक्ष लेकिन ICC की तिजोरी की चाबी लगी जय शाह के हाथ में - Jay Shah gets the finance portfolic in the ICC as Greg Barkley returns
मेलबर्न: न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले को शनिवार को सर्वसम्मति से दूसरे कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का चेयरमैन चुना गया।बोर्ड बैठक में बार्कले के अलावा बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) सचिव जय शाह को आईसीसी की ताकतवार वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति का प्रमुख चुना गया।

बार्कले का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। जिम्बाब्वे के तावेंग्वा मुकुहलानी के नाम वापस लेने के बाद बार्कले को निर्विरोध चुना गया।आईसीसी बोर्ड ने बार्कले के पूर्ण समर्थन की पुष्टि की।

बार्कले ने फिर से अपनी नियुक्ति पर कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का फिर से चेमरमैन चुना जाना सम्मान की बात है और मैं अपने साथी आईसीसी निदेशकों को उनके समर्थन के लिये शुक्रिया करना चाहूंगा।’’

बार्कले को नवंबर 2020 में आईसीसी चेयमरैन बनाया गया था। वह इससे पहले न्यूजीलैंड क्रिकेट के चेमरमैन और 2015 में आईसीसी पुरूष क्रिकेट विश्व कप के निदेशक थे।उन्हें निर्विरोध चुना गया जिसका मतलब है कि 17 सदस्यीय बोर्ड में उन्हें बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) का भी समर्थन प्राप्त था।

शाह को आईसीसी की सबसे महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यह समिति सभी बड़े वित्तीय नीतिगत फैसले करती है जिसके बाद आईसीसी बोर्ड इन्हें मंजूरी देता है।

आईसीसी सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘प्रत्येक सदस्य ने जय शाह को वित्त एवं वाणिज्यिक मामलाों की समिति के प्रमुख के तौर पर स्वीकार कर लिया। आईसीसी चेयरमैन के अलावा यह समान रूप से ताकतवर उप समिति है। ’’

इस समिति के काम में सदस्य देशों के बीच राजस्व साझा करना शामिल है।वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति का प्रमुख हमेशा आईसीसी बोर्ड सदस्य होता है और शाह का चुना जाना स्पष्ट करता है कि वह आईसीसी बोर्ड में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे।

इस समिति के प्रमुख का पद एन श्रीनिवासन के दौर में भारत का हुआ करता था लेकिन शंशाक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन के कार्यकाल में बीसीसीआई की ताकत काफी कम हो गयी थी।बल्कि प्रशासकों की समिति के कार्यकाल में ऐसा भी समय आया था जब बीसीसीआई का वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति में कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं था।

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली पिछले साल तक इस समिति के सदस्य थे।आईसीसी सूत्र ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक क्रिकेट का व्यावसायिक केंद्र है और 70 प्रतिशत से ज्यादा प्रायोजन इस क्षेत्र से आते हैं। इसलिये जरूरी है कि आईसीसी की वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति की अध्यक्षता हमेशा बीसीसीआई द्वारा ही की जानी चाहिए। ’’(भाषा)
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