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Written By WD Sports Desk
Last Modified: मंगलवार, 8 जुलाई 2025 (17:57 IST)

एक बार फिर अपने जन्म स्थान भारत आना चाहते हैं पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मुश्ताक

Mushtaq Mohammad hindi news
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मुश्ताक मोहम्मद (Mushtaq Mohammad) भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन ऐसी टाई पहनकर आए, जिस पर भारतीय ध्वज बना हुआ था, उस देश का तिरंगा जिसे उन्होंने छह साल की उम्र में छोड़ दिया था और उनकी दिली इच्छा एक बार फिर से भारत आने की है। इस 81 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर का जन्म गुजरात के जूनागढ़ में हुआ था। वह अभी बर्मिंघम में रहते हैं और वहां रहकर खुश हैं लेकिन एक बार फिर से उस स्थान पर जाना चाहते हैं जहां उनका जन्म हुआ था।
 
मुश्ताक जब क्रिकेट खेला करते थे तब दो बार भारत आए थे। वह पहली बार 1961 में टेस्ट श्रृंखला खेलने के लिए और फिर 1978 में अहमदाबाद में दिलीप सरदेसाई लाभार्थ मैच के लिए भारत आए थे।
 
दोनों ही मौकों पर वह जूनागढ़ जाना चाहते थे, जो एक पूर्व रियासत थी, जहां से वह छह साल की उम्र में कराची चले गए थे। हालांकि अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण वह जूनागढ़ नहीं जा सके थे और दशकों बाद भी यह उनकी अधूरी इच्छा बनी हुई है।
 
वह अब बर्मिंघम में बस गए हैं, लेकिन पाकिस्तानी होने के कारण उनके लिए भारतीय वीजा प्राप्त करना जटिल है और कुछ वर्ष पहले यहां भारतीय उच्चायोग के चक्कर लगाते हुुए उन्हें इसका अनुभव हुआ।
 
वह अपने पुराने मित्र बिशन सिंह बेदी की बेटी की शादी में शामिल होना चाहते थे लेकिन उन्हें समय पर वीजा नहीं मिला।

मुश्ताक ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं उस जगह जाना पसंद करूंगा जहां मैं पैदा हुआ। जूनागढ़ जाने के सबसे करीब मैं तब गया था जब मैंने अहमदाबाद में दिलीप सरदेसाई के लिए मैच खेला था। मैं जूनागढ़ के लिए ट्रेन ले सकता था, लेकिन कार्यक्रम बहुत व्यस्त था। ’’
 
पंद्रह साल की उम्र में पदार्पण करने के बाद पाकिस्तान के लिए 57 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से उसके बाद मैं कभी भारत नहीं जा पाया।’’
 
मुश्ताक ने भाषा के माध्यम से गुजरात से जुड़ाव बनाए रखा है। वह गुजराती भाषा को अच्छी तरह समझते हैं लेकिन वह उसे बोल या पढ़ नहीं सकते।
 
मुश्ताक अपने अच्छे मित्र बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।
 
पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर ने आज तक बेदी को श्रेय दिया है कि उन्होंने उन्हें लेग स्पिनर बनाया, जब कोई और उनकी गेंदबाजी को गंभीरता से नहीं लेता था। मुश्ताक ने टेस्ट मैचों में 79 विकेट लिए और 3543 रन बनाए।
 
उन्होंने कहा, ‘‘बिशन मजाकिया इंसान थे। उन्हें क्रिकेट से प्यार था। हमने नॉर्थम्पटनशर में छह साल तक साथ खेले। हमारे परिवारों में एक-दूसरे के लिए बहुत प्यार था। मैं हाल ही में लंदन में बेदी परिवार से मिला। ज़हीर अब्बास भी वहां थे। मैं उनके साथ बिताए गए दिनों को नहीं भूल सकता। उन्हें खोना बहुत दुखद है, बस यादें रह जाती हैं।’’
 
मुश्ताक अन्य भारतीय क्रिकेटरों के भी अच्छे मित्र थे, जिनमें सुनील गावस्कर (जिनसे उनकी मुलाकात एजबेस्टन टेस्ट के दौरान हुई थी) और कपिल देव शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘गावस्कर मेरे समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ कई शतक बनाए और वह भी बिना हेलमेट के। यह अविश्वसनीय था।‘‘
 
मुश्ताक ने इसके साथ ही कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक देश भारत से खेलना चाहता है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय क्रिकेट शीर्ष पर है। हर कोई स्पष्ट कारणों (वित्तीय) के चलते भारत के साथ खेलना चाहता है। एक बात जो मेरे दिल के करीब है, वह है भारत का पाकिस्तान के साथ उनके देशों में खेलना।’’
 
मुश्ताक ने कहा, ‘‘यह सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता है। वे एक दूसरे के खिलाफ नहीं खेलते और दुख की बात है कि इसका क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है।‘‘
 
मुश्ताक मौजूदा भारतीय खिलाड़ियों में ऋषभ पंत, शुभमन गिल और विराट कोहली के बड़े प्रशंसक हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ऋषभ पंत भारत के शाहिद अफरीदी हैं, बल्कि जब उनके हाथ में बल्ला होता है तो वह अफरीदी से भी बेहतर होते हैं। हम आईपीएल भी बड़े चाव से देखते हैं।‘‘
 
मुश्ताक ने कहा, ‘‘कोहली (Virat Kohli ) अभी और दो साल खेल सकते थे। उन्हें टेस्ट टीम के साथ बने रहना चाहिए था। पता नहीं उन्होंने क्यों संन्यास लिया।’’  (भाषा)