कोलकाता। चैंपियंस ट्रॉफी के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों का गुरुवार को आखिर पटाक्षेप हो गया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड ने 2021 चैंपियंस ट्रॉफी की जगह इसी वर्ष टी-20 विश्वकप कराने के प्रस्ताव को अपनी हरी झंडी दे दी। वर्ष 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी भारत में आयोजित होनी थी जबकि इसी वर्ष में टी-20 विश्वकप भी खेला जाना है, लेकिन अब इसकी जगह छोटे प्रारूप का विश्वकप खेला जाएगा, वहीं वर्ष 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी-20 विश्वकप भी अपने तय कार्यक्रम पर होगा।
आईसीसी की एक सप्ताह से चल रही बोर्ड की बैठक के गुरुवार को कोलकाता में आखिरी दिन इसकी घोषणा की गई। बोर्ड ने अपने अहम फैसलों में अपने सभी 104 सदस्यों को भी टी-20 अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने जैसा बड़ा फैसला लिया है। इसके अलावा आईसीसी के फ्यूचर टूर प्रोग्राम(एफटीपी) को लेकर भी कई अहम फैसले बैठक में किए गए हैं।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने यहां कहा कि हम खेल को आगे बढ़ाना चाहते हैं और टी-20 प्रारूप इसके लिये सबसे अहम है। उन्होंने साथ ही बताया कि एक सप्ताह तक चली बैठक में आईसीसी के आचार संहिता नियमों की भी समीक्षा की गई है।
आईसीसी के सभी बोर्ड सदस्यों और सदस्यों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने खिलाड़ियों के व्यवहार की सीमा तय करने पर जोर दिया। रिचर्डसन ने बताया कि आईसीसी के सदस्यों ने वर्ष 2019 से 2023 तक के लिये नये एफटीपी पर भी हस्ताक्षर किये हैं जिसमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप कराने के अलावा चैंपियंस ट्राफी 2021 की जगह आईसीसी टी-20 विश्वकप कराने का अतिरिक्त फैसला लिया गया है।
इससे वैश्विक स्तर पर 16 टीमों को खेलने का मौका मिलेगा। उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक क्वालिफिकेशन प्रक्रिया से अधिक सदस्य देशों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा। वर्ष 2019 से 2023 तक के अंतिम एफटीपी में आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2019 और 2023, आईसीसी टी-20 विश्वकप 2020, 2021, आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2021 और 2023 शामिल हैं।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चरण वन 2019 से 2021 तक, चरण-दो- 2021 से 2023 तक, आईसीसी क्रिकेट विश्वकप क्वालिफिकेशन लीग 2020 से 2022 तक खेला जाएगा। सभी द्विपक्षीय टेस्ट, वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इस कार्यक्रम के बाहर का होगा। अफगानिस्तान ने आईसीसी क्रिकेट विश्वकप क्वालिफायर 2018 जीतकर 2019 विश्वकप के लिए क्वालीफाई किया है।
आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने कहा" मैं अपने सदस्य देशों को एफटीपी पर सर्वसम्मति से हस्ताक्षर करने का स्वागत करता हूं। इससे साफ है कि आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और वन-डे लीग अब कैलेंडर का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि हमने बैठक में सभी सदस्य देशों के टी-20 द्विपक्षीय क्रिकेट को भी अंतरराष्ट्रीय दर्जा दे दिया है जिससे वैश्विक स्तर पर क्रिकेट के छोटे प्रारूप को आगे बढ़ाने के लिये सकारात्मक माहौल पैदा होगा। आईसीसी मुख्य कार्यकारी रिचर्डसन ने एफटीपी को लेकर कहा कि हमने बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं और एफटीपी सभी देशों की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
इसमें नया विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और वन-डे लीग 2019 तथा क्रमश: 2020 शामिल हैं। हम टी-20 क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी देशों ने इस पर सर्वसम्मत फैसले से बची हुई बाधाओं को दूर कर दिया है। रिचर्डसन ने कहा कि हमने 2020 टी-20 विश्वकप के लिये क्षेत्रीय क्वालिफिकेशन प्रक्रिया को लागू किया है, जिससे तीनों प्रारूपों में ही क्वालिफिकेशन प्रक्रिया में बदलाव आएगा और सभी देशों में क्रिकेट को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
बोर्ड को घरेलू टी-20 लीग सहित दुनियाभर में हो रही चैंपियनशिप को लेकर भी प्रेजेंटेशन दी गई। वर्तमान में कई देशों में इस प्रारूप में लीग कराई जा रही हैं, ऐसे में इसे कराने के लिये आईसीसी की मान्यता और इससे जुड़ी समस्याओं जैसे कि अच्छे खिलाड़ियों को लीगों के बजाय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बनाए रखने के संबंध में भी चर्चा की गईं।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खिलाड़ियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहे। गौरतलब है कि दुनियाभर के सभी बड़े खिलाड़ी इन दिनों इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं जो अपने 11वें वर्ष में है और दुनिया की सबसे महंगी टी-20 लीगों में हैं। आईसीसी बोर्ड ने लीगों से जुड़ी इन समस्याओं के लिए कार्यकारी समूह गठित करने का फैसला किया है जिसकी सिफारिशों पर फिर वर्ष के आखिर में निर्णय लिया जाएगा।