धोनी आखिर क्यों हैं क्रिकेट के सुपर कैप्टन
'अनहोनी को होनी कर दे जब खेल रहा हो धोनी।' यह जुमला अब इतनी बार सच साबित हुआ है कि अगर एमएसडी क्रीज पर हो तो हारने का तो सवाल ही नहीं होता। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्रसिंह धोनी निर्विवाद तौर पर भारत के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर में सबसे ऊपर खड़े नजर आते हैं।
इस बार आईपीएल के 11वें सीजन में 'माही फिर से मार रहा है' और इस कदर मार रहा है कि सामने वाली टीम के 200 रन भी कम काम पड़ रहे हैं। अपने चिरपरिचित अंदाज में जब धोनी फिनिशिंग सिक्स लगाते हैं तो करोड़ों दिलों में उत्साह अपने चरम पर होता है, आप किसी भी टीम के समर्थक हो सकते हैं, लेकिन धोनी को धमाल मचाते देखने ही कुछ और है। जब वे गगनचुंबी छक्के लगाते हैं तो आप खुद को उनके साथ जोड़ लेते हैं। छक्का लगाकर जीतना जहां धोनी की आदत बन चुकी है, वहीं धोनी भक्तों को भी इससे कम कुछ मजूंर नहीं।
चेन्नई सुपरकिंग्स की पीली जर्सी में चमकते एमएस धोनी जब खेलने उतरते हैं तो सामने कोई भी टीम हो, समर्थन धोनी को ही मिलता लगता है, मुंबई में पहले मैच में ही जब धोनी खेलने उतरे तो पूरे स्टेडियम में एक ही नाम गूंज रहा था- धोनी, धोनी, धोनी। और क्यों न गूंजे ये वे कप्तान हैं जिन्होंने भारतीय टीम के वे ख़्वाब सच कर दिखाए हैं, जो क्रिकेट के भगवान भी नहीं कर सके थे। इसी शख्स ने सचिन तेंदुलकर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टीम इंडिया के कंधो पर बैठकर दुनिया के सामने क्रिकेट के महाकुंभ का खिताब जीत तिरंगा लहराने का 'हक' दिया था।
और जब स्थिति उनके मुताबिक़ नहीं रही तो उन्होंने बिना कुछ कहे-सुने कप्तानी को कह दिया गुडबॉय, कैप्टन कूल की इसी चौंकाने वाली अदा पर भी लाखों फ़िदा हैं। धोनी ने हमेशा सही समय पर सही काम कर दिखाया। उनके निर्णय क्रिकेट के बड़े-बड़े पंडितों के लिए बाउंसर रहे और उनके आलोचकों को हमेशा उन्होंने अपने बल्ले या सुपर कूल स्माइल जवाब देने वाले ने अपनी मर्जी से कप्तानी को राइट टाइम डिसीजन लेकर विदा कह दिया।
वैसे अधिकतर क्रिकेट कप्तान अपनी टीमों से लगभग हकाले गए हैं, वहीं धोनी के टेस्ट टीम से लिए संन्यास जैसे निर्णय अक्सर चौंकाने वाले ही रहे है। कुछ उन्हें किस्मत का धनी मानते हैं तो कुछ उन्हें टीम इंडिया का लकी चार्म मानते हैं और क्यों न हो रांची के इस साधारण से छोकरे ने अपनी काबिलियत से दो बार क्रिकेट की दुनिया पर फतह हासिल की है।
हां, पिछले सीजन में पुणे से खेलते हुए उनका चिरपरिचित अंदाज नदारद रहा और टीम मैनेजमेंट और उनके मनमुटाव की खबरें भी आती रहीं, पर उन्होंने कभी खुद इस मामले पर कुछ नहीं कहा। उनका कूल अंदाज हर समय उनके साथ रहा और सबसे बड़ी बात अपने आलोचकों को अपने सुपर परफॉर्मेंस से लगातार चुप कराने वाला माही अभी भी मार रहा है वो भी जमकर। (Photo Courtesy : iplt20.com)