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Written By WD Sports Desk
Last Updated : गुरुवार, 3 जुलाई 2025 (10:55 IST)

Bengaluru Stampede : फ्रेंचाइज़ी बेचकर भाग नहीं सकते! 11 मौतों के बाद RCB को लोकपाल का अल्टीमेटम

bengaluru stampede
Bengaluru Stampede : इंडियन प्रीमियर लीग चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की मुश्किल तब और बढ़ गई जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल-सह-आचरण अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा ने फ्रेंचाइजी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) को बेंगलुरु में टीम के विजय समारोह के दौरान घोर लापरवाही के बारे में लिखित में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी।
 
आईपीएस अधिकारी विकास कुमार द्वारा दर्ज की गई आधिकारिक शिकायत के बाद लोकपाल ने आरसीबी और केएससीए को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
 
पीटीआई के पास लोकपाल के निर्देश की एक प्रति है।
 
शिकायतकर्ता ने लोकपाल से यह भी आग्रह किया है कि जब तक त्रासदी की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक मौजूदा मालिकों को फ्रेंचाइजी को बेचने से रोका जाए।
 
न्यायमूर्ति मिश्रा ने अपने निर्देश में लिखा, ‘‘घटना की गंभीरता को देखते हुए यह उचित माना जाता है कि कर्नाटक (राज्य) क्रिकेट संघ, साथ ही संबंधित फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को शिकायत पर अपना लिखित जवाब देने के लिए कहा जाए।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह शिकायत चार जून 2025 को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ के संबंध में दर्ज की गई है। शिकायत में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर फ्रेंचाइजी द्वारा घोर लापरवाही और सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए। आरसीबी फ्रेंचाइजी को निलंबित करने और इसे बेचने को लेकर चल रही बातचीत को अमान्य करने की प्रार्थना की गई है।’’
 
न्यायमूर्ति मिश्रा ने अपने निर्देश में यह भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता विकास कुमार को प्रतिवादियों को जवाबी हलफनामा देने के लिए 10 दिन का समय मिलेगा।
 
उन्होंने कहा, ‘‘केएससीए और आरसीबी को शिकायत पर अपने-अपने लिखित जवाब चार सप्ताह के भीतर दाखिल करने चाहिए, साथ ही शिकायतकर्ता को भी प्रति देनी चाहिए। कारण बताएं कि नियमों में निर्दिष्ट और मांगी गई राहत क्यों नहीं दी जाए। यदि जरूरी हो तो प्रतिवादी को प्रति के साथ 10 दिनों के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा सकता है।’’
 
आरसीबी से लिखित स्पष्टीकरण मांगने के संभावित कारणों में से एक यह हो सकता है कि इस तरह की अटकलें हैं कि फ्रेंचाइजी को बेचने पर विचार चल रहा है जिससे मौजूदा मालिक कथित तौर पर हाल की त्रासदी से खुद को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
 
इसमें कहा गया, ‘‘आशंका व्यक्त की गई है कि फ्रेंचाइजी खुद को जवाबदेही से दूर करने और संभावित नतीजों से बचने के लिए स्वामित्व को बेचने का प्रयास कर सकती है। इस बीच यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए।’’
 
हाल ही में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने भी आरसीबी को भारी भीड़ के लिए जिम्मेदार माना जिसके कारण महिलाओं और बच्चों सहित 11 प्रशंसकों की मौत हो गई।
 
न्यायाधिकरण ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार के खिलाफ कर्नाटक सरकार के निलंबन आदेश को भी रद्द कर दिया था जिन्हें भगदड़ के बाद कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। विकास कुमार ने बाद में कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।  (भाषा)

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