चयन समिति बैठक में अब बीसीसीआई सचिव की 'नो एंट्री'
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कहा है कि बीसीसीआई के सचिव अब चयन समिति की बैठक नहीं बुला सकेंगे और संबंधित चयन समितियों के अध्यक्ष के पास यह अधिकार रहेगा कि वे चयन समिति की बैठक बुलाएं।
सीओए का यह निर्देश भारत के वेस्टइंडीज दौरे के लिए शुक्रवार को बुलाई गई चयन समिति की बैठक से 1 दिन पहले आया है। इस दौरे के लिए भारतीय टीम का चयन इस बैठक में होना है।
सीओए ने यह निर्देश देते हुए कहा है कि यह नियम विदेशी दौरों में नहीं लागू होगा, जहां टीम के प्रशासनिक मैनेजर के पास संयोजक की भूमिका रहेगी। बीसीसीआई में इससे पहले तक यह परंपरा रही थी कि बीसीसीआई सचिव चयन समिति की बैठक बुलाते थे और उसमें शामिल भी होते थे।
बीसीसीआई का नया संविधान यह कहता है कि बीसीसीआई का प्रबंधन और प्रशासन अलग-अलग होना चाहिए जिसमें सचिव सहित बोर्ड की शीर्ष परिषद प्रशासन का काम देखे जबकि सीओए के नेतृत्व में प्रोफेशनल प्रबंधन समिति गैर क्रिकेट मामलों का प्रबंध देखे तथा चयन समिति सहित क्रिकेट समिति क्रिकेट से जुड़े मामलों को देखे।
सीओए ने गुरुवार को जारी अपने निर्देश में कहा है कि यह उसके संज्ञान में लाया गया है कि बीसीसीआई के नए संविधान के प्रभावी होने के बावजूद बोर्ड के सचिव चयन समिति की बैठक बुला रहे हैं और उनमें शामिल भी हो रहे हैं।
प्रशासकों की समिति ने कहा कि यह बात भी उसके संज्ञान में लाई गई है कि टीम में किसी बदलाव और वैकल्पिक खिलाड़ी के लिए चयन समिति सचिव की मंजूरी लेती रही है। इसके अलावा चयनकर्ताओं के क्रिकेट मैचों के लिए जाने संबंधी यात्रा बंदोबस्त के लिए भी सचिव की मंजूरी लेनी पड़ती है।
इस आदेश के बाद बीसीसीआई के पदाधिकारी और सीईओ अब क्रिकेट समितियों की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। चयन समिति का अध्यक्ष या दौरों पर टीम का प्रशासनिक मैनेजर हर चयन बैठक की रिपोर्ट तैयार करेगा और रिकॉर्ड के लिए सचिव को भेजेगा।
चयन समिति को चुनी गई टीम, किसी परिवर्तन और किसी भी तरह के विकल्प को करने के लिए बीसीसीआई के सचिव या सीओए की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। (वार्ता)