रिलायंस अपने तेल से रसायन व्यवसाय को अलग इकाई के तहत लाएगी
नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने तेल से रसायन (ओ 2 सी) कारोबार को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में अलग करने की घोषणा की है। यह मातृ कंपनी से 25 अरब डॉलर का कर्ज लेकर किया जाएगा। कंपनी को सऊदी अरामको जैसे वैश्विक निवेशकों को शेयर बेचकर पैसे जुटाने की उम्मीद है।
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी गई एक प्रस्तुति में कहा कि यह पुनर्गठन उसे ओ 2 सी मूल्य श्रृंखला में अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने, आत्मनिर्भर पूंजी संरचना, एक समर्पित प्रबंधन टीम के माध्यम से क्षमताओं में सुधार करने और निवेशक पूंजी को आकर्षित करने में सक्षम करेगा। ओ 2 सी कारेाबार में रिलायंस की तेल रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल संपत्तियां और ईंधन का खुदरा कारेबार है,हालांकि इसमें केजी-डी 6 जैसे तेल व गैस उत्पादक क्षेत्र तथा कपड़ा व्यवसाय शामिल नहीं हैं।
इस पुनर्गठन के एक बार पूरा हो जाने के बाद 1960 के दशक के अंत में धीरूभाई अंबानी द्वारा स्थापित कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पास सिर्फ तेल एवं गैस खोज, वित्तीय सेवा, समूह का खजाना तथा विरासत वाला कपड़ा व्यवसाय ही बचेगा। यह समूह की होल्डिंग कंपनी के रूप में काम करेगी। समूह का खुदरा व्यवसाय रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के पास और दूरसंचार व डिजिटल व्यवसाय रिलायंस जिओ प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के पास पहले से ही है। आरआईएल की रिलायंस रिटेल में 851 फीसदी और जिओ प्लेटफॉर्म्स में 673 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी फेसबुक इंक और गूगल सहित वैश्विक निवेशकों को 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक में बेची जा चुकी है।
कंपनी के तेल से रसायन के कारोबार वाली अनुषंगी को रिलायंस इंउस्ट्रीज 25 अरब डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराएगी जिस पर फ्लोटिंग दर से ब्याज भी लिया जाएगा। इस अनुषंगी इकाई के पास 42 अरब डॉलर की संपत्तियां होंगी। (भाषा)