शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. लाल किताब
  4. kutta palna shubh hai ya ashubh

कुत्ता पालने के 5 फायदे और 3 नुकसान

कुत्ता पालने के 5 फायदे और 3 नुकसान | kutta palna shubh hai ya ashubh
आजकल विदेशी कुत्तों को पालने का प्रचलन बढ़ गया है। बेचारे देशी कुत्ते गली में सचमुच ही भूखे ही मर जाते हैं या किसी कार, ट्रक के नीचे कुचलकर मर जाते हैं। वैसे हिन्दू धर्म में कुत्ते को घर में पालना वर्जित है, लेकिन बाहर पास सकते हैं। आओ जानते हैं कुत्ता पालने के 5 फायदे और 2 नुकसान।
 
 
1. यम से बचाता कुत्ता : कुत्ते को हिन्दू धर्म में यम का दूत कहा गया है। कुत्ते को हिन्दू देवता भैरव महाराज का सेवक माना जाता है। कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और हर तरह के आकस्मिक संकटों से वे भक्त की रक्षा करते हैं। मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से वह आपके आसपास यमदूत को भी नहीं फटकने देता है।
 
 
2. बुरी आत्माओं से बचाता कुता : दरअसल कुत्ता एक ऐसा प्राणी है, जो भविष्य में होने वाली घटनाओं और ईथर माध्यम (सूक्ष्म जगत) की आत्माओं को देखने की क्षमता रखता है। कुत्ता कई किलोमीटर दूर तक की गंध सूंघ सकता है। कुत्ते को हिन्दू धर्म में एक रहस्यमय प्राणी माना गया है। कुत्ते को देखकर हर तरह की आत्माएं दूर भागने लगती हैं।
 
 
3.चोर डकैतों से बचाता कुत्ता : कुत्ता एक वफादार प्राणी होता है, जो हर तरह के खतरे को पहले ही भांप लेता है। प्राचीन और मध्‍य काल में पहले लोग कुत्ता अपने साथ इसलिए रखते थे ताकि वे जंगली जानवरों, लुटेरों और भूतादि से बच सके। बंजारा जाति और आदिवासी लोग कुत्ते को पालते थे ताकि वे हर तरह के खतरे से पहले ही सतर्क हो जाएं। भारत में जंगल में रहने वाले साधु-संत भी कुत्ता इसीलिए पालते थे ताकि कुत्ता उनको खतरे के प्रति सतर्क कर दे। आजकल लोग घर में कुत्ता इसलिए पालते हैं कि वह उनके घर की चोरों से रक्षा कर सके।
 
 
4. शनि और केतु का उपाय : माना जाता है कि काला कुत्ता जहां होता है वहां नकारात्मक उर्जा नहीं ठहरती है। इसका कारण यह है कि काले कुत्ते पर एक साथ दो शक्तिशाली ग्रह शनि और केतु के प्रभाव होता है। शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है घर में काला कुत्ता पालना। केतु को ठीक करने के लिए भी कुत्ता पालने की सलाह देते हैं। जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं। कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।
 
 
5. संतान सुख हेतु : लाल किताब में बताया गया है कि संतान सुख में बाधा आने पर काला कुत्ता अथवा काला और सफेद कुत्ता पालन चाहिए। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह उपाय संतान के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ कारगर होता है।
 
 
कुत्ता काला या काला-सफेद होना चाहिए लेकिन इस बात का घ्यान रखें कि उस कुत्ते के नाखुनों की संख्या 22 या इससे ज्यादा होनी चाहिए। इतने नाखुनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है। ऐसा कुत्ता ही आपकी किस्मत बदल सकता है। शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी हरकतों से शुभ-अशुभ का भी ज्ञात करवाता है।
 
 
काला कुत्ता पालने से आपका रूका हुआ पैसा वापस आने लग जाता है। अचानक आने वाले संकट से मुक्ति मिलती है। आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। पेट की बीमारियां, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए भी काला कुत्ता पाला जाता है। बिजनेस और कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के लिए काला कुत्ता मददगार साबित होता है।
 
 
अब 2 नुकसान
1. अपशुकुनी होता है कुत्ता : कुत्ते के भौंकने और रोने को अपशकुन माना जाता है। सूत्र-ग्रंथों में भी श्वान को अपवित्र माना गया है। इसके स्पर्श व दृष्टि से भोजन अपवित्र हो जाता है। अपशकुन शास्त्र के अनुसार श्वान का गृह के चारों ओर घूमते हुए क्रंदन करना अपशकुन या अद्‍भुत घटना कहा गया है और इसे इन्द्र से संबंधित भय माना गया है। शुभ कार्य के समय यदि कुत्ता मार्ग रोकता है तो विषमता तथा अनिश्चय प्रकट होते हैं।

 
2. देवता नहीं आते हैं उस घर में : कहते हैं जहां कुत्ता होता हैं वहां देवआत्माएं नहीं आती हैं। पूजा पाठ सब व्यर्थ हो जाते हैं। कुत्ते का घर में होना अर्थात यमदूत का घर में होना बताया गया है। कहते हैं कि कुत्ता जिस भी घर में होता है या तो वह घर बर्बाद हो जाता है या फिर उस घर की तरक्की दिन दूनी और रात चौगुनी होती है। ऋग्वेद में एक स्थान पर जघन्य शब्द करने वाले श्वानों का उल्लेख मिलता है, जो विनाश के लिए आते हैं।

 
3. घर में फैलते हैं बैक्टीरिया : कुत्ता यदि घर में है तो जिसने में कुत्ता पाला है उसे उसकी देखभाल बच्चों की तरह करना होती है। समय पर भोजन कराना और समय पर पोट्टी करवाया आदि सभी कार्य के अलावा उसका विशेष ध्यान रखने में समय की बर्बादी होती है। साथ ही घर में कुत्ते के बार जहां तहां बिखरे होते हैं। इसके अलवा जहां कुत्ता रहता हैं वहां बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। मांसाहारी प्राणी होने के कारण कुत्ते में संक्रमण बहुत जल्दी से फैलता है। इसलिए जहां कुत्ता होता है वहां बहुत ज्यादा साफ सफाई रखने की जरूरत होती है अन्यथा घर के लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि एक शोध में यह भी बताया गया है कि कुत्ता पालने वाले लोग ज्यादा जीते हैं। 'अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल' में प्रकाशित एक रिपोर्ट और एक मेटा एनालिसिस में यह बात सामने आई थी। इससे हार्टअटैक या स्ट्रोक की संभावन कम हो जाती है।
ये भी पढ़ें
आज फुलैरा दूज, जानिए इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त