शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. हनुमान जयंती
  4. hanuman jayanti 2021

हनुमान जन्मोत्सव 2021 : सदा सफल हनुमान

हनुमान जन्मोत्सव 2021 : सदा सफल हनुमान - hanuman jayanti 2021
भारत वह भूमि है जहां परमात्मा भी विविध रूपों में जन्म लेते हैं। जब मनुष्य को मनुष्यता का सर्वोच्च आदर्श सिखाना हो तो उन्होंने श्रीराम के रूप में जन्म लिया। वाल्मिकी ने बहुत प्रयत्न पूर्वक श्री राम का चरित्र मनुष्य रूप में ही प्रस्तुत किया। इस रूप में उन्होंने वे सभी कष्ट उठाए जो मनुष्य को मानवजीवन में उठाने पड़ते हैं। और उन कष्टों का सामना कैसे करना- यह भी सिखाया। इस संघर्ष में श्री राम विफल भी हुए। पत्नी हरण, तीन दिन तक समुद्र ने उनकी विनय नहीं सुनी, युद्ध भूमि में लक्ष्मण मूर्छित हुए, वे ज्येष्ठ पुत्र होने के बाद भी अपने पिता को मुखाग्नि नहीं दे पाए आदि..आदि..
 
योगेश्वर श्री कृष्ण सम्पूर्ण अवतार माने गए फिर भी उन्हें लीलावश ही सही पर कालयवन से भागना पड़ा। राधा से बिछोह हुआ। जन्मदात्री के पास बचपन में रह नहीं पाए।उनके रहते अभिमन्यु मारा गया। उनके बाद यदुवंश हिंसक रूप से नष्ट हुआ।
 
महादेव को भी शनि की साढ़े साती का सामना करना पड़ा।उनकी पत्नी यज्ञ-कुंड में भस्म हो गई।उन्हें भस्मासुर से बच कर भागना पड़ा। हालांकि इन सभी उदाहरणों के बहुत गहरे अध्यात्मिक अर्थ, कारण और व्याख्याएं हैं। जिनकी तह में विद्वान् संत ही पहुंच पाते हैं लेकिन लौकिक रूप में देखने पर ये सभी घटनाएं प्रथमदृष्टया विफलता ही दिखाई देती है।

लेकिन पवनपुत्र हनुमान एकमात्र ऐसे देवता हैं जो किसी भी कार्य में कभी विफल नहीं हुए। संजीवनी लाने से लेकर अहिरावण का नाश करने तक सीता की खोज से लेकर सुग्रीव के मिलन तक जितने भी कार्य उन्हें सौंपे गए हों वे सब उन्होंने अपने बल और बुद्धि से सफलता पूर्वक पूर्ण किये हैं।उन्हें किसी भी कार्य में कभी कोई असफलता नहीं मिली। वे एक आदर्श सेवक, कुशल प्रबंधक, अद्भुत दूत, प्रभावी संवादकर्ता, अतुल पराक्रमी, अथाह बलशाली, समस्त सिद्धियों व कलाओं के ज्ञाता होने के बाद भी अत्यंत विनम्र और सदैव अपने स्वामी के चरणों के अनुरागी हैं।
 
उनके यह गुण विश्वभर के प्रबंध विशेषज्ञों के लिए मार्गदर्शक है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय से संबधित लखनऊ के सरदार भगतसिंह कॉलेज ऑफ टेक्नॉलोजी एंड मैनेजमेंट ने हनुमानजी को अपने कॉलेज का चेयरमेन बनाया है। और दोनों वाईस चेयरमेन हनुमानजी की ओर से ही काम करते हैं। इस हेतु हनुमानजी का एक केबिन बनाया गया है जिसमें एक लेपटॉप, टेबल-कुर्सी और हनुमान जी की विशेष कुर्सी रख कार्यालय बना है। उनके कक्ष में जूते-चप्पल उतर कर ही प्रवेश कर सकते हैं। कॉलेज का मानना है कि हनुमानजी की अद्वितीय कुशलता सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का साधन है। हनुमानजी के प्रति ये आदर अनूठा है। जो कॉलेज संचालकों की निष्ठा तथा प्रेरणा ग्रहण करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।सभी निर्णय ट्रस्ट की बैठकों में लेने के बाद हनुमानजी की टेबल पर रख दिए जाते हैं और उनकी आशीर्वाद स्वरूप स्वीकृति मान कर अगले दिन से उन्हें लागू किया जाता है। नि:संदेह इस प्रकार के प्रतीकात्मक अध्यक्ष की उपस्थिति से संस्था को नैतिकता के उच्च आदर्शों के अनुरूप संस्था चलने की प्रेरणा प्राप्त होती है। वे चिरंजीवी हैं।मान्यतानुसार आज भी हमारे बीच विराजमान रहते हैं।
 
 यदि ऐसा है, तो हे अंजनिपुत्र! जैसे तुमने स्वयं देवताओं के संकट हरे वैसे ही, हे पवनपुत्र, मारुतिनंदन, संकट मोचन हमारे भी संकट हरो। हे रामदूत हमें भी शांति के गुर दो, हे अतुलित बलधाम अपनी थोड़ी शक्ति हमें भी प्रदान करें कि इस ‘यमतांडव’ का नाश कर सकें। हे केसरीनंदन कृपा करो...कोरोना का नाश करो प्रभु...हमें अपनी शरण में लो ...कृपा करो....  

ये भी पढ़ें
ऐसे रखें बुधवार (Wednesday) का व्रत, मिलेगा विद्या, धन और सेहत का वरदान