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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : मंगलवार, 21 मई 2024 (11:33 IST)

हनुमान चालीसा के लिए जरूरी है पवित्रता और शुद्धता, जानिए 10 नियम

हनुमान चालीसा के लिए जरूरी है पवित्रता और शुद्धता, जानिए 10 नियम - Hanuman chalisa path ke niyam
कई लोग हनुमान चालीसा नियमित पढ़ते हैं और कई लोग मंगलवार या शनिवार को ही हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने के कुछ नियम होते हैं और इसे पढ़ने में पवित्रता एवं शुद्धता के साथ ही पवित्र भावना का भी ध्यान रखना जरूरी है। अन्यथा इसका फल नहीं मिलता है, क्योंकि आजकल लोग कहीं पर भी इसका पाठ करने लगे हैं तो ऐसे में नियम जानना जरूरी है
 
 
हनुमान चालीसा पाठ के नियम (Rules of Hanuman Chalisa Paath):
 
1. हनुमान चालीसा पाठ में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा स्थल की साफ सफाई अच्‍छे से कर लें।
 
2. हनुमान चालीसा एक एक पवित्र जगह पर बैठकर ही करना चाहिए। खासकर या तो आपके घर के पूजास्थल पर, मंदिर में, तीर्थ क्षेत्र में या पहले से नियुक्त साफ सफाई करके पवित्र की गई जगह पर।
 
3. हनुमान चालीसा को विशेष मुहूर्त में ही करें या सुबह और शाम को ही करें।
 
4. हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान उपयोग किए गए फूल लाल रंग के रखें।
 
 
5. हनुमान चालीसा के पाठ के पहले दीप प्रज्वलित जरूर करना चाहिए। दीपक में जो बाती लगाई जा रही है वह भी लाल सूत (धागे) की होनी चाहिए। किसी भी स्थल पर पूजा करने के पूर्व दीप जरूर प्रज्वलित करें। हनुमान पूजा के दौरान जो दीपक जला रहे हों उसमें चमेली का तेल या शुद्ध घी होना चाहिए।
 
6. हनुमानजी चालीसा के पाठ के बाद उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद जरूर ‍अर्पित करें। इसके आलावा चाहें तो केसरिया बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, चूरमा, मालपुआ या मलाई मिश्री का भोग लगाएं।
 
 
7. हनुमान चालीसा के अलावा यदि आप बजरंगबाण या सुंदरकाण्ड का पाठ कर रहे हैं तो इसके नियम जरूर जान लें।
 
8. हनुमानजी चालीसा पाठ के दौरान सिर्फ एक वस्त्र पहनकर ही चालीसा का पाठ करें या उनकी पूजा करें।
 
9. हनुमान मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाठ पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें और खुद कुश के आसन पर बैठकर ही चालीसा का पाठ करें या पूजा करें।
 
10. 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। सौ बार नहीं कर सको तो 11 बार करो। 11 बार न हो तो 9 बार करो। 9 बार नहीं कर सको तो 7 बार करो। 7 बार न कर सको तो 5 बार करो और 5 बार न कर सको तो 3 बार करो और 3 बार भी नहीं कर सकते हो तो 1 बार प्रतिदिन करो।