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Last Updated : रविवार, 14 मई 2023 (17:34 IST)

rajasthan : छात्रों को सीखने में हो आसानी, राजस्थान सरकार के 2 कर्मचारियों ने 8 साल में बना डाले 250 Mobile apps

rajasthan : छात्रों को सीखने में हो आसानी, राजस्थान सरकार के 2 कर्मचारियों ने 8 साल में बना डाले 250 Mobile apps - jaipur 2 rajasthan govt employees develop 250 mobile apps in eight years to make-learning easy for students
जयपुर। Mobile apps : राजस्थान (rajasthan) सरकार के दो कर्मचारियों ने ग्रामीण छात्रों को हिन्दी में अध्ययन सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराने के लिए आठ वर्षों में 250 से अधिक मोबाइल ऐप्लिकेशन (Mobile apps)  डेवलप किए हैं। ‘ऐप गुरु’ के नाम से मशहूर सुरेंद्र तेतरवाल और सुरेश ओला को 2015 में उन छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को आसान बनाने का काम मिला, जिन्हें अपनी पसंदीदा भाषा हिन्दी में ऑनलाइन में अध्ययन सामग्री प्राप्त करना मुश्किल हो रहा था।
 
सीकर जिले के रहने वाले तेतरवाल और ओला दोनों के पास कम्प्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री है। तेतरवाल जहां सेल्स टैक्स ऑफिसर हैं, वहीं ओला शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक हैं।
 
छात्रों को आसानी से शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए तेतरवाल और ओला के प्रयासों ने उन्हें पहचान दिलाई है और केंद्र और राज्य दोनों की सरकारों ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किए हैं।
 
दोनों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार 2019, राज्य में शिक्षा के उन्नयन के लिए राज्य सरकार को मोबाइल ऐप दान करने के लिए ‘राजस्थान भामाशाह शिक्षा विभूषण सम्मान 2019-20’ और शिक्षा के क्षेत्र में मोबाइल ऐप द्वारा ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘राजस्थान ई-गवर्नेंस अवार्ड 2016-17’ प्रमुख पुरस्कारों में शामिल है।
 
ओला ने बताया कि हमने इन मोबाइल ऐप्लिकेशन को सरकारी सेवा घंटों के बाद अपने खाली समय में विकसित किया। जब हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, तो हमने पाया कि ग्रामीण छात्रों को हिंदी में अध्ययन सामग्री नहीं मिल पा रही थी। हमने सबसे पहले ब्लॉग (छात्रों के लिए) पर सामग्री अपलोड की और बाद में 2015 में विषय-विशिष्ट मोबाइल ऐप्लिकेशन विकसित करना शुरू किया।
 
उन्होंने बताया कि उनके एप्लीकेशन में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के साथ-साथ स्नातक और स्नातकोत्तर करने वाले छात्रों के लिए अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई गई हैं।
 
उन्होंने बताया कि उन्होंने अध्ययन सामग्री को और विकसित करने और छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को लगभग 100 मोबाइल ऐप्लिकेशन दान किए हैं।
 
तेतरवाल ने बताया कि हमारे मोबाइल ऐप्लिकेशन लाखों उपयोगकर्ताओं द्वारा डाउनलोड किए गए हैं और करोड़ों लोगों ने पेज को देखा हैं।
 
उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों को इन ऐप से बहुत लाभ मिला है।
 
उन्होंने बताया कि ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध हैं।
 
ओला ने बताया कि शिक्षा में आईसीटी के महत्व को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने शिक्षक समुदाय के लिए एक मुफ्त, ओपन-सोर्स मोबाइल ऐप मेकर प्लेटफॉर्म - हाइपरलिंक भी बनाया है।
 
ओला ने बताया कि इसकी मदद से हजारों शिक्षकों ने बिना किसी तकनीकी ज्ञान के अपने खुद के मोबाइल ऐप बनाकर शिक्षा के डिजिटलीकरण में योगदान दिया है।
 
उन्होंने बताया कि इस प्लेटफॉर्म से ऑडियो, वीडियो, क्विज, नोट्स, कैलेंडर, रेडियो, चैटबॉट और अन्य सुविधाओं से संबंधित मोबाइल ऐप को ‘ड्रैग एंड ड्रॉप’ विधि से बनाया जा सकता है।
 
ओला ने बताया कि फिलहाल, सर्वर शिफ्टिंग का काम जारी है और अगले चार-पांच दिनों में प्लेटफॉर्म लाइव हो जाएगा। Edited By : Sudhir Sharma
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