गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. इस्लाम धर्म
  4. hazrat ibrahim alaihis salam
Written By
Last Modified: बुधवार, 29 नवंबर 2017 (14:23 IST)

कौन थे पैगंबर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम?

कौन थे पैगंबर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम? | hazrat ibrahim alaihis salam
Grave of Hazrat Ibrahim
पैगंबर अब्राहम को यहूदी, ईसाई और मुसलमान तीनों ही पैगंबर मानते हैं। मुस्लिम हजरत अब्राहम को हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम कहते हैं। हालांकि कुछ हिन्दू उन्हें प्राजापति ब्रह्मा से जोड़कर देखते हैं। यह एक शोध का विषय हो सकता है। यहां प्रस्तुत है हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की संक्षिप्त कहानी।
 
बाढ़ के 350 साल बाद हज. नूह की वफात हो गई। नूह के स्वर्ग जाने के ठीक 2 साल बाद हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ। एक दिन अल्लाह तआला ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम से कहा- 'तुम इस शहर, ऊर को और अपने रिश्तेदारों को छोड़ दो और उस देश को जाओ, जो मैं तुम्हें दिखाऊंगा।'
 
जब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने ऊर शहर छोड़ा तो उनके परिवार के कुछ लोग भी उनके साथ गए। साथ आए लोगों में उनकी पत्नी सारा, उनके पिता तेरह और उनके भाई का बेटा लूत। रास्ते में हारान शहर में हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के पिता की वफात हो गई। हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को ऊर इसलिए छोड़ना पड़ा, क्योंकि उन्होंने उस शहर के एक मंदिर को ध्वस्त कर बुतपरस्ती के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।
 
हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और उनका परिवार हारान शहर से निकलकर कनान देश पहुंचा। वहां अल्लाह तआला ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम से कहा, 'मैं यही देश तुम्हारे बच्चों को दूंगा।' हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम वहीं रुक गए और तंबुओं में रहने लगे। एक दिन अल्लाह तआला ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की परीक्षा ली। उस परीक्षा की याद में ही बकरीद मनाई जाती है। हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के दो बेटे थे- इसहाक और जेकब।
 
प्राचीन मेसोपोटामिया (वर्तमान इराक तथा सीरिया) में सामी मूल की विभिन्न भाषाएं बोलने वाले अक्कादी, कैनानी, आमोरी, असुरी आदि कई खानाबदोश कबीले रहा करते थे। इन्हीं में से एक कबीले का नाम हिब्रू था। वे यहोवा को अपना ईश्वर और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को आदि पितामह मानते थे। उनकी मान्यता थी कि अल्लाह तआला ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और उनके वंशजों के रहने के लिए इसराइल देश नियत किया है।
 
हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम मध्य में उत्तरी इराक से कानान चले गए थे। वहां से हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के खानाबदोश वंशज और उनके पुत्र इसाक और जेकब, जो तब तक 12 यहूदी कबीले बन चुके थे, मिस्र चले गए। मिस्र में उन्हें कई पीढ़ियों तक गुलाम बनकर रहना पड़ा।
 
अगली बार जब ह. इब्राहीम अलैय सलाम मक्का आए तो अपने पुत्र इस्माइल से कहा कि अल्लाह तआला ने मुझे हुक्म दिया है कि इस जगह एक घर बनाऊं। तब उन्होंने खाना-ए-काबा का निर्माण किया। निर्माण के दौरान इस्माइल पत्थर ढोकर लाते और ह. इब्राहीम अलैय सलाम उन्हें जोड़ते थे। इति।