जब IPL 2022 शुुरु हुआ था तो गुजरात टाइटंस के ज्यादातर खिलाड़ी अपनी राष्ट्रीय टीम से बाहर थे। खासकर कप्तान हार्दिक पांड्या जो अब मुंबई इंडियन्स में वापस चले गए हैं। डेविड मिलर, राशिद खान, मैथ्यू वेड, मोहम्मद शमी को जोड़कर यह टीम बनाई गई थी। अपने पहले ही सत्र में गुजरात ने आईपीएल जीतकर विध्वंस मचा दिया था। दूसरी बार भी वह फाइनल तक पहुंची थी। क्या अब भी वह फाइनल तक जाएगी।
मजबूत पक्ष :खिलाड़ियों के बीच अच्छा तालमेल बनाने के लिये पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा की अगुआई वाले कोचिंग स्टाफ को श्रेय दिया जाना चाहिए, विशेषकर खिलाड़ियों की भूमिका को लेकर स्पष्टता के लिए जो सबसे अहम था।आगामी सत्र की तैयारी के दौरान टीम के अनियमित आर साई किशोर ने बताया कि पिछले साल टीम के सफल अभियान में सबसे बड़ा कारण यही था कि खिलाड़ी अपनी भूमिकायें जानते थे जिससे उन्होंने रणनीति के अनुसार खेल दिखाया।
शीर्ष पर पिछले सत्र के औरेंज कैप कप्तान शुभमन गिल की विस्फोटक बल्लेबाजी के अलावा गुजरात के पास बी साई सुदर्शन, मैथ्यू वेड, ऋद्धिमान साहा, डेविड मिलर और राहुल तेवतिया के रूप में काफी अच्छे बल्लेबाज मौजूद हैं जो तेज तर्रार खेल दिखा सकते हैं।केन विलियमसन का टीम में शामिल होना भी टीम के लिये फायदेमंद होगा। साथ ही टीम ने आयरलैंड के टी20 विश्व कप के हैट्रिक गेंदबाज जोश लिटिल को टीम में बनाए रखा है और अफगानिस्तान के अज्मतुल्लाह उमरजई को भी जोड़ा है।
विलियमसन के नाम आईपीएल में 2100 रन हैं और साथ ही उन्हें कप्तानी का भी अनुभव है जो कठिन विकेट पर तीसरे नंबर के बल्लेबाज की भूमिका निभा सकते हैं।अपनी बल्लेबाजी के लिये मशहूर तेवतिया घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए आए हैं।
कमजोर पक्ष :हार्दिक पांड्या और मोहम्मद शमी के जाने से टीम को दो अनुभवी नाम का घाटा हुआ है। जिससे गुजरात टाइटंस की बैंच स्ट्रैंग्थ अब उतनी मजबूत नहीं लग रही है। शुभमन गिल पहली बार आईपीएल में कप्तानी करेंगें। उनसे कप्तानी में कोई गलती नहीं करने की आकांक्षा रखना गलत होगा। कप्तानी में वह खासे अनुभवहीन है, वह अंडर 19 में भी कप्तानी नहीं कर पाए थे। वहीं कप्तानी के बोझ तले यह भी दिख सकता है कि पिछले सत्र में 800 रनों के करीब बनाने वाले शुभमन गिल की बल्लेबाजी पर भी असर पड़े।
गेंदबाजी में भी अब बड़ा नाम सिर्फ राशिद खान लग रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के स्पेंसर जॉन्सन को टीम ने 10 करोड़ में खरीदा है। वह इस कीमत पर खरे उतर पाते हैं या नहीं यह देखने वाली बात होगी।मोहित शर्मा की पिछले साल फाइनल में डली अंतिम दो गेंदें को छोड़ दे तो उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की थी। वह वैसा ही काम इस बार कर पाएंगे या नहीं यह देखने वाली बात होगी।
अवसर :साल 2022 में जब टीम आईपीएल में पहुंची थी तो ज्यादातर लोगों ने गुजरात टाइटन्स को दावेदार नहीं माना था जिसमें उनके पास एक स्थापित खिलाड़ी तो मौजूद था लेकिन उसे कप्तानी का इतना अनुभव नहीं था। पंड्या आकर्षण का केंद्र नहीं थे और टूर्नामेंट शुरु होने के समय उनकी काबिलियत पर भी सवाल बने हुए थे।लेकिन गुजरात टाइटन्स धीरे धीरे सबसे संगठित, सुनियोजित, निर्धारित और अनुशासित इकाई के तौर पर सामने आयी। अगर टीम इस साल भी इसी रवैये से मैदान में उतरती है तो उसकी प्रतिद्वंद्वी टीमों को उनसे पार पाने में बड़ी कठिनाईयों का सामना करना होगा।
खतरा: कोई ऐसा बल्लेबाज है जिसने सभी तीनों प्रारूपों में काफी विकास किया है तो वह शुभमन गिल ही हैं। सनद रहे कि पिछले सत्र में ही शुभमन गिल को मीडिया ने प्रिंस, यानि कि भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।
उन्हें गुजरात की टीम के भविष्य के कप्तान के तौर पर देखा जा रहा था, और अब वह अपनी टीम की अगुवाई करते हुए दिखेंगें। उनके नाम वनडे में दोहरा शतक है और साथ ही टेस्ट में भी शतक है। बुरे फॉर्म के बाद अब वापस वह अपने रंग में आ चुके हैं, लेकिन टी-20 फॉर्मेट में उनका खासा बुरा फॉर्म रहा है।
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर डेविड मिलर तनावपूर्ण परिस्थितियों में मैच फिनिश करने में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं और उनकी उपस्थिति टीम के मध्यक्रम को काफी खतरनाक बना देगी, लेकिन उनके साथ भी फॉर्म की समस्या मौजूद है।साहा को युवा केएस भरत से कुछ प्रतिस्पर्धा मिल सकती है। मध्यक्रम में विलियमसन अहम होंगे।
सांई सुदर्शन इस टीम का उदयीमान क्रिकेटर हो सकता है क्योंकि पिछले साल चेन्नई के खिलाफ फाइनल की पारी कोई तुक्का नहीं थी यह उन्होंने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भारतीय टीम में शामिल होने के बाद बता दिया है।हालांकि वह युवा है और उनसे बहुत ज्यादा अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।