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Last Updated : गुरुवार, 24 मार्च 2022 (18:58 IST)

सरप्राइज देना आदत रही है माही की, टेस्ट से लेकर आईपीएल तक ऐसे छोड़ी कप्तानी

सरप्राइज देना आदत रही है माही की, टेस्ट से लेकर आईपीएल तक ऐसे छोड़ी कप्तानी - Mahendra Singh Dhoni always surprises with his decision when it comes to quitting captaincy
विश्व कप विजेता कप्तान धोनी ने चाहे कप्तानी छोड़ने की बात हो या संन्यास लेने की, हमेशा अपने मन की बात सुनी।

उन्होंने 2014 में आस्ट्रेलिया में श्रृंखला के बीच में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के साथ लंबे प्रारूप से भी संन्यास ले लिया था और जब विराट कोहली सभी प्रारूपों में देश की अगुवाई करने के लिये तैयार हुए तो उन्होंने 2017 में उनके लिये जगह खाली कर दी थी।

साल 2017 में भी जब कप्तानी उनके बल्ले पर भारी पड़ती हुई दिख रही थी तो उन्होंने बिना किसी के दबाव में आए वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ दी ताकि विराट कोहली को कप्तानी सौंपी जा सके। इसके बाद वह 2 साल तक टीम के साथ रहे।

साल 2019 के वनडे विश्वकप में भी वह टीम के साथ रहे। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में जब वह रन आउट हुए तो सबने मान लिया था कि सफेद गेंद में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तो यह धोनी की आखिरी  पारी है। हालांकि इस पर मुहर लगाने में धोनी ने काफी इंतजार करवाया और अगले साल अगस्त 2020 में जाकर क्रिकेट के इन 2 प्रारुपों से संन्यास ले लिया।

यह प्रेरणादायी कप्तान हालांकि अनुठी शैली में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी आईपीएल में खेलता रहा और इसलिए उनका सीएसके की कप्तानी जडेजा को सौंपना चौंकाने वाला फैसला नहीं है।

धोनी जानते थे कि वह हमेशा टीम की कमान नहीं संभाल सकते हैं और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे जडेजा कमान संभालने के लिये तैयार हैं। सीएसके ने जडेजा के अलावा धोनी, मोईन अली और रुतुराज गायकवाड़ को अपनी टीम में ‘रिटेन’ किया था।सीएसके कप्तानी इससे पहले धोनी के अलावा सुरेश रैना ने की है। जडेजा उसके तीसरे कप्तान होंगे।

चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की 12 सत्र तक अगुवाई करने, उसे चार खिताब दिलाने और पांच बार उप विजेता बनाने के बाद दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले गुरुवार को इस फ्रेंचाइजी की कप्तानी अपने विश्वसनीय रविंद्र जडेजा को सौंप दी।

सीएसके ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि 40 वर्षीय धोनी इस सत्र में और आगे भी फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे।

 धोनी 2008 में टूर्नामेंट की शुरुआत से ही सीएसके के कप्तान रहे। इस बीच केवल दो साल उन्होंने सीएसके की अगुवाई नहीं की क्योंकि तब स्पॉट फिक्सिंग मामले के कारण टीम पर दो साल का प्रतिबंध लगा था।

सीएसके ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी किसी अन्य खिलाड़ी को सौंपने का फैसला किया है और उन्होंने टीम का नेतृत्व करने के लिए रविंद्र जडेजा को चुना है। जडेजा 2012 से चेन्नई सुपर किंग्स का अभिन्न अंग रहे हैं और वह सीएसके का नेतृत्व करने वाले केवल तीसरे खिलाड़ी होंगे।’’

फ्रेंचाइजी ने बयान में कहा, ‘‘धोनी इस सत्र में और उसके बाद भी चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे।’’

विश्व कप 2019 के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले धोनी की अगुवाई में सीएसके ने पिछले साल अपना चौथा खिताब जीता था।

सीएसके शनिवार को यहां अपने पहले मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना करेगा।

 धोनी की घोषणा से सीएसके के सीईओ कासी विश्वनाथन भी हैरान थे लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘यदि धोनी ने फैसला किया है तो यह टीम के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा।’’

विश्वनाथन ने कहा, ‘‘देखिए धोनी जो भी फैसला लेते हैं वह टीम के हित में होता है। इसलिए हमारे लिए चिंता की कोई बात नहीं है। हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं। वह हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह हमारे लिए मार्गदर्शक रहे हैं और मार्गदर्शक बने रहेंगे।’’

विश्वनाथन से पूछा गया कि क्या 2022 धोनी का अंतिम सत्र होगा, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह उनका आखिरी सत्र होगा। जब तक वह फिट हैं, हम चाहते हैं कि वह खेलें। मैं ऐसा चाहता हूं। मैं नहीं जानता कि वह क्या सोचते हैं।’’
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