मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. आईपीएल 2019
  3. समाचार
  4. IPL 2019 : Dhoni is not happy after winning 1st match
Written By
Last Updated :चेन्नई , रविवार, 24 मार्च 2019 (13:11 IST)

आईपीएल में पहला मैच जीतकर भी खुश नहीं हैं धोनी, जानिए क्या है वजह?

आईपीएल में पहला मैच जीतकर भी खुश नहीं हैं धोनी, जानिए क्या है वजह? - IPL 2019 : Dhoni is not happy after winning 1st match
चेन्नई। चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही आईपीएल-12 के ओपनिंग मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के खिलाफ जीत से शानदार शुरुआत की हो लेकिन उन्होंने एमए चिदंबरम स्टेडियम की पिच को लेकर नाखुशी जताई है।
 
आईपीएल के ओपनिंग मुकाबले में गत चैंपियन चेन्नई और विराट कोहली की कप्तानी वाली बेंगलुरू के बीच धमाकेदार टक्कर की उम्मीद की जा रही थी लेकिन प्रशंसकों को खास रोमांच हाथ नहीं लगा और यह मैच एकतरफा रहा, जहां बेंगलुरू की टीम 70 रन पर ऑलआउट हो गई और मेजबान टीम ने 7 विकेट से मुकाबला जीत लिया।
 
इस पिच पर दोनों ही टीमों के बल्लेबाजों को काफी संघर्ष करना पड़ा। चेन्नई की जीत के बाद धोनी ने पिच को लेकर अंसतोष जताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि पिच को और बेहतर होना चाहिए था, यदि हमारी टीम को घरेलू मैदान पर लगातार अच्छा खेलना है तो पिच की स्थिति बेहतर होनी चाहिए थी।
 
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी पिच से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। यह पिच इतनी धीमी थी कि इसने मुझे 2011 चैंपियंस लीग विकेट की याद दिला दी। हमारा पिछला सत्र काफी अच्छा रहा था और हम यहां लंबे समय बाद वापसी कर रहे हैं लेकिन यहां खेलना हमें चुनौतीपूर्ण लग रहा है।
 
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यदि विकेट ऐसा रहा तो हमारे लिए मुश्किल होगा। इस पिच को आगामी मैचों के हिसाब से बेहतर होना चाहिए। मेरे हिसाब से तो इस पिच को बड़े स्कोर वाला होना चाहिए था लेकिन विपक्षी टीम भी समझ गई कि यह धीमा विकेट है।
 
चेन्नई को चौथी बार चैंपियन बनाने के लक्ष्य के साथ खेल रहे धोनी ने कहा कि इस पिच पर अभ्यास मैच खेलने के बावजूद भी उन्हें इस पिच का कोई अंदाजा नहीं लगा। मुझे पिच का कोई अंदाजा नहीं था। हमने यहां अभ्यास मैच भी खेला और तब भी यह बड़े स्कोर वाला लग रही थी। इसी के हिसाब से हमने अपनी योजना भी बनाई थी। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
भाजपा के इस सबसे मजबूत गढ़ में होगी पीएम मोदी की कड़ी परीक्षा