गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Why is China's powerful President Xi Jinping scared?
Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021 (20:43 IST)

क्यों डरे हुए हैं चीन के शक्तिशाली राष्ट्रपति शी जिनपिंग, 'आम समृद्धि योजना' से कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष की अटकलें तेज

क्यों डरे हुए हैं चीन के शक्तिशाली राष्ट्रपति शी जिनपिंग, 'आम समृद्धि योजना' से कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष की अटकलें तेज - Why is China's powerful President Xi Jinping scared?
चीन के शक्तिशाली राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए शायद अभी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कोरोना संकट के बाद से ही शी जिनपिंग देश से बाहर नहीं निकले हैं। उनकी आखिरी विदेश यात्रा जनवरी 2020 में म्यांमार की थी। उसके बाद से ही जिनपिंग ने चीन नहीं छोड़ा है। 
 
जिनपिंग के लगातार चीन में रहने को लेकर कई तरह से कयास लगाए जा रहे हैं। चीनी मामलों पर नजर रखने वाले कुछ एक्स्पर्ट्स बताते हैं कि उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही है तो कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि उन्हें तख्तापलट का डर सता रहा है।
 
सबसे बड़ी बात है कि वह जी-20 समिट में भी भाग नहीं ले रहे। और तो और बाइडन ने जिनपिंग के साथ व्यक्तिगत रूप से द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन की मांग की, लेकिन जिनपिंग सिर्फ एक ऑनलाइन बैठक के लिए सहमत हुए हैं। 
 
कम्युनिस्ट पार्टी में सत्ता संघर्ष : चीनी मामलों से जुड़े विशेषज्ञ सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर एक सत्ता संघर्ष की खबरों को नकार नहीं रहे हैं, हालांकि वे इसकी खुलकर पुष्टि भी नहीं कर रहे हैं। दरअसल पिछले दिनों जिनपिंग सरकार ने चीन के कई व्यवसायियों पर सख्त कारवाई की है। यह राष्ट्रपति शी जिनपिंग की केंद्रीय नीति का हिस्सा है, जिसे 'आम समृद्धि (कॉमन प्रॉस्पेरिटी)' का नाम दिया गया है। 
 
सरकार कड़े नियम बना रही है और मौजूदा नियमों को और और सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसकी वजह से देश की कई बड़ी कंपनियों ई-कॉमर्स, ऑनलाइन वित्तीय सेवा, सोशल मीडिया, गेमिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग प्रदाता, राइड-हेलिंग ऐप और क्रिप्टोकरेंसी माइनर और एक्सचेंज शामिल हैं पर नियंत्रण लगा है।
 
चीनी राष्ट्रपति की 'आम समृद्धि' वाली नीतियों का मकसद अमीर और गरीब के बीच के विशाल अंतर को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों से है परंतु इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के उदय और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीसीपी के अस्तित्व, दोनों को खतरा हो सकता है। 
 
अरबपतियों पर नकेल कसने की कोशिश : इन तरीकों को कई लोग चीन की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के अरबपति मालिकों पर लगाम लगाने के प्रयासों के रूप में भी देखते हैं तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिनपिंग इन लोगों पर इसलिए कारवाई कर रहे हैं ताकि कोई चुनौती के तौर पर आगे न आ सके। सरकार ने 2025 तक प्रभावी रहने वाले एक नई 10-सूत्रीय योजना प्रकाशित की है, जिसमें अर्थव्यवस्था के अधिकांश हिस्से पर सख्त विनियमन के बारे में बताया गया है।
 
इससे चीन की इकोनॉमी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। चीन में कारोबार के नियमन को लेकर अनिश्चितता का माहौल बनने से विदेशी कंपनियों को अपने संभावित निवेश पर फैसला लेना मुश्किल हो गया है जिससे चीन का आर्थिक विकास रुकने लगा है। 
 
कोरोना से उबर रहे चीन के आक्रमक तेवर भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। क्वॉड गठबंधन को लेकर अमेरिकी नाकेबंदी से लेकर ताइवान के साथ ही हॉन्गकॉन्ग, शिनजियांग, तिब्बत और भारत के साथ बॉर्डर पर भी चीन कई मोर्चों पर जूझ रहा है। इसके अलावा कोरोना वायरस और मानवाधिकार के मसले पर भी चीन पर कई देशों ने आरोप लगाए हैं। 
ये भी पढ़ें
लखीमपुर खीरी में सिद्धू का अनशन, कहा- मैं भी किसान का बेटा हूं...