सऊदी अरब में महिलाओं को अपनी मर्जी से कारोबार की आजादी
रियाद। दुनिया में महिलाओं के वर्चस्व को अब हर तरफ स्वीकार किया जा रहा है और खाड़ी देश भी इसमें बिलकुल पीछे नहीं हैं। सऊदी अरब में अब महिलाएं अपनी मर्जी से खुद का कारोबार खड़ा कर सकती हैं। इसके लिए उन्हें अपने पति या पुरुष रिश्तेदार से अनुमति भी नहीं लेनी होगी।
दरअसल, गुरुवार को सऊदी की सरकार ने अपनी नीति में व्यापक बदलाव किया है जिसमें निजी क्षेत्र के तेजी से विस्तार की बात की गई है। इसी नीति में देश को दशकों पुरानी संरक्षकता प्रणाली की जकड़न से पीछा छुड़ाने का रास्ता दिखाया गया है।
देश के वाणिज्य एवं निवेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि महिलाएं अब अपनी मर्जी से खुद का कारोबार चला सकती हैं और किसी संरक्षक की अनुमति के बिना ही इसके लिए सरकार की ई-सेवाओं का लाभ ले सकती हैं।
अभी तक सऊदी अरब की संरक्षकता प्रणाली में महिलाओं को किसी सरकारी कागजी कार्रवाई, यात्रा या कक्षाओं में प्रवेश के लिए किसी पुरुष संरक्षक से पूर्वानुमति लेनी होती थी, जो आम तौर पर पति, पिता या भाई होता है।
लंबे समय तक कच्चे तेल के उत्पादन से मिलने वाले राजस्व पर टिकी सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में अब यहां की सरकार निजी क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। इस सुधार योजना में महिलाओं को कामकाजी समाज का हिस्सा बनाना या उन्हें रोजगार दिलाने की नीति भी शामिल है।
मुस्लिम राजशाही वाले अधिकतर मुल्कों में जहां महिलाओं को अभी भी कई तरह की रोकटोक का शिकार होना पड़ रहा है, वहीं सऊदी अरब में उनकी भागीदारी बढ़ाने के कई प्रयास हो रहे हैं। इनमें जासूसों और हवाई अड्डों पर उनकी भर्ती जैसे कदम शामिल हैं। (भाषा)