लाहौर में सेना के वाहन पर आत्मघाती हमला, 6 की मौत
लाहौर। आतंकियों की पनाह स्थली बना पाकिस्तान अब खुद ही अपने जाल में फंस गया है और यहां पर एक के बाद एक आत्मघाती हमले हो रहे हैं, जिसमें बेकसूर लोगों की जानें जा रही हैं। ताजा आत्मघाती हमला पंजाब प्रांत की प्रांतीय राजधानी लाहौर में छावनी इलाके के नजदीक हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 18 घायल हुए। यह आत्मघाती हमला लाहौर में जनगणना दल की सुरक्षा में तैनात पाकिस्तानी जवानों को निशाना बनाकर किया गया था। मरने वालों में पाकिस्तान के 4 जवान भी शामिल हैं।
पंजाब प्रांत की सरकार के प्रवक्ता मलिक मोहम्मद खान ने घटना की पुष्टि करते हुए स्वीकार किया है कि मारे गए 6 लोगों में सेना के चार जवान शामिल हैं। इस हमले में लगभग एक दर्जन लोग भी घायल हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल और लाहौर के अस्पताल में भेजा गया है। घटनास्थल से प्राप्त टीवी फुटेज और तस्वीरों में देखा जा सकता है कि धमाके में दो वैन और एक मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गए।
अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। खान ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर ली गई है और कानून प्रवर्तन एजेंसियां सबूत जुटाने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। यह धमाका तब हुआ, जब सेना के जवानों की सुरक्षा में एक दल जनगणना के आंकड़े जुटा रहा था। पाकिस्तान में बीते 19 वर्षों में यह पहली जनगणना हो रही है। इसकी शुरुआत मार्च माह में हुई थी।
लाहौर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लाहौर पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि युवा आत्मघाती हमलावर सेना के वाहन के नजदीक पैदल ही आया था और उसके बाद उसने खुद को उड़ा लिया। सूत्र ने कहा कि आत्मघाती हमलावर का धड़ से अलग हो चुका सिर मिला है। ऐसा लगता है कि हमले में आठ से दस किलो विस्फोटकों का इस्तेमाल हुआ था।
एक प्रत्यक्षदर्शी तैमुर शाहिद ने बताया कि वह घटनास्थल के नजदीक एक दुकान पर सामान लेने जा रहा था, तभी उसने कुछ मीटर की दूरी पर तेज धमाके की आवाज सुनी। तैमुर ने कहा कि मैं घटनास्थल पर पहुंचा, वहां देखा कि कुछ सैनिक खून में लथपथ पड़े हैं। स्थानीय लोग उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर गए। बाद में घटनास्थल पर बचाव दल और सेना के अधिकारी पहुंच गए जिन्होंने इलाके की घेराबंदी कर दी।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री इमरान नजीर ने कहा कि घायलों में से चार की हालत गंभीर है। विस्फोट के समय पाकिस्तान की वायुसेना का एक अधिकारी अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर वहां से गुजर रहा था। चार मृतक जवानों में वह भी शामिल है।
लाहौर कॉर्प्स कमांडर सादिक अली ने कहा कि ऐसे कायराना हमलों से लोगों को डराया नहीं जा सकेगा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। कानून मंत्री राणा सानाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि अफगानिस्तान में जमातउल अहरार और अन्य आतंकी संगठनों के आतंकी शिविरों का सफाया नहीं हो जाता।
लाहौर में गत 23 फरवरी को भी विस्फोट हुआ था जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी और 30 लोग घायल हो गए थे। इसी महीने पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाकर किए गए हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें से छह पुलिसकर्मी थे। इस हमले की जिम्मेदारी जमातउल अहरार ने ली थी। (वेबदुनिया/भाषा)