गद्दाफी शासन के खिलाफ मुकदमा न्याय के लिए चूका हुआ अवसर : संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुअम्मर गद्दाफी के शासन के सदस्यों के खिलाफ लीबिया में चलाया गया हालिया मुकदमा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है।
मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय और लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग मिशन ने शासन के पूर्व सदस्यों पर मुकदमा चलाने की, खासतौर पर सशस्त्र संघर्ष एवं राजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच, चुनौती को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि मुकदमे ने तय प्रक्रिया के गंभीर उल्लंघन जैसी कई चिंताएं बढ़ा दीं जिनमें प्रतिवादियों पर लगे प्रताड़ना के आरोपों के चलते उनकी बिना किसी संवाद के लंबी अवधि तक की हिरासत शामिल है। ये वे आरोप हैं जिनकी पर्याप्त जांच भी नहीं हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्च आयुक्त जीद राद अल हुसैन ने मुकदमे की कार्यवाहियों पर इस रिपोर्ट के निष्कर्षों की जानकारी देने वाली प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि साजिशकर्ताओं को उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार ठहराना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन तय प्रक्रिया का नतीजा जवाबदेही और एक निष्पक्ष मुकदमा होना चाहिए।
विज्ञप्ति में सुनवाई की प्रक्रिया के निष्कर्ष का भी ब्योरा है। सुनवाई के जरिए वर्ष 2011 में असैन्य क्रांति के दौरान हुए मानवाधिकार उल्लंघनों की तह तक जाने की कोशिश की गई। इस क्रांति ने लीबिया के लंबे समय से शासक रहे नेता मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से हटा दिया था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लीबियाई अधिकारियों को सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी का अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में आत्मसमर्पण सुनिश्चित करना चाहिए था। यह लीबिया के अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों के अनुरूप है। (भाषा)