चीन ने दो नौवहन उपग्रह किए प्रक्षेपित
बीजिंग। चीन ने एक रॉकेट की मदद से दो बेदोउ-3 उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है। चीन अपने प्रतिद्वंद्वी अमेरिका की जीपीएस नौवहन प्रणाली से इतर अपनी एक नौवहन प्रणाली विकसित कर रहा है।
सरकारी समचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को बताया कि वाहक रॉकेट लॉन्ग मार्च-3बी की मदद से रविवार रात सिचुआन प्रांत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित शिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया। दोनों नए प्रक्षेपित उपग्रह बेदोउ नौवहन उपग्रह प्रणाली के तीसरे चरण का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह प्रणाली बेल्ट एंड रोड पहल में शामिल देशों को सेवाएं प्रदान करेगी। यह प्रणाली 2020 तक पूरी तरह वैश्विक उपग्रह नौवहन व्यवस्था बनाएगी। तब तक चीन की योजना 30 से ज्यादा उपग्रहों तैयार करने की है। अगर योजना के अनुसार सब कुछ सफल होता है तो अमेरिका और रूस के बाद चीन तीसरा ऐसा देश होगा, जो अपनी खुद की नौवहन प्रणाली संचालित करेगा।
बेदोउ परियोजना की शुरुआत 1994 में हुई थी। इसने चीन को साल 2000 में सेवा देना शुरू की। इसके बाद साल 2012 के अंत में इसकी सेवा एशिया-प्रशांत क्षेत्र को मिलने लगी। पहली पीढ़ी के उपग्रहों की तुलना में बेदोउ-3 अन्य उपग्रहीय नौवहन प्रणाली से ज्यादा अच्छे संकेत भेजने में सक्षम है और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तलाश और बचाव कार्य में भी उपग्रह आधारित बेहतर सेवाएं दे सकता है।
बेदोउ प्रणाली के मुख्य डिजाइनर यांग चांगफेंग ने कहा कि नई तकनीक ने बेदोउ-3 के कार्यों में महत्वपूर्ण सुधार किया है। लॉन्ग मार्च-3ए मालवाहक रॉकेट के उप प्रमुख डिजाइनर ये चेंगमिन ने बताया कि एक मालवाहक रॉकेट की मदद से दो या अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण नियमित रूप से होगा। (भाषा)