तब बीयर से चलने लगेंगी गाड़ियां
लंदन। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में कहा है कि भविष्य में बीयर से बने ईंधन का पेट्रोल डीजल के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इंग्लैंड के ब्रिस्टल शहर में वैज्ञानिकों ने काफी शोध के बाद एक नई तकनीक का पता लगाने का दावा किया है जिससे ऐसा संभव हो जाएगा।
तेजी से घटते पारंपरिक ईंधन के चलते पूरी दुनिया में विकल्पों की तलाश हो रही है और भविष्य में तमाम तरह के दूसरे ईंधन तैयार करने की कोशिशें हो रही हैं जिससे कि भविष्य में पेट्रोल-डीजल के बिना भी गाड़ियां और मशीनें चलाई जा सकें।
इसी तरह के एक प्रयास में इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों के दल ने कई सालों के अध्ययन के बाद एक ऐसी तकनीक का खुलासा किया है जो इथेनॉल को बुटेनॉल नाम के ईंधन में बदल देती है। सबसे बड़ी बात है कि बुटेनॉल, इथेनॉल की तुलना में ज्यादा बेहतरीन ईंधन है और यह पेट्रोल डीजल का बेहतर विकल्प बन सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो सभी तरह के अल्कोहल पेय में इथेनॉल मौजूद होता है परंतु बीयर से इसे प्राप्त करके वाहनों के ईंधन में बदलना काफी आसान है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि भले ही अभी बीयर को किसी कार को चलाने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन लैब टेस्टिंग के लिए बीयर आधारित ईंधन का इस्तेमाल एक बेहतरीन विकल्प है।
ब्रिस्टल यूनीवर्सिटी की इस रिसर्च टीम का मानना है कि बुटेनॉल की लैब टेस्टिंग में अभी करीब 5 साल और लगेंगे, तब जाकर वे इसे बिल्कुल सही तरीके से बना पाएंगे और उसे कारों और ट्रकों में इस्तेमाल कर पाएंगे। भविष्य में इस बात की पूरी संभावना है कि बीयर के बाई प्रोडक्ट बुटेनॉल से कारें और मशीनें चलती नजर आएंगी।
उनका कहना है कि अभी भी ब्रूट्रोलियम नाम से कई देशों में बीयर से बना बायो फ्यूल बिक रहा है। फ्रांस से लेकर न्यूजीलैंड तक कई देशों में बीयर के कचरे से बनने वाला बायोफ्यूल ब्रूट्रोलियम भरवाकर लोग अपनी कारें भी चलाना शुरु कर चुके हैं।