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Last Updated : सोमवार, 10 जून 2019 (21:17 IST)

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जरदारी फर्जी बैंक खाता केस में गिरफ्तार

Asif Ali Zardari arrested। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जरदारी फर्जी बैंक खाता केस में गिरफ्तार - Asif Ali Zardari arrested
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की शीर्ष भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने फर्जी बैंक खाता केस में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सोमवार को यहां उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। जरदारी की गिरफ्तारी के बाद उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
 
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की ओर से जरदारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की एक टीम, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं, पीपीपी के सहअध्यक्ष जरदारी के घर में दाखिल हुई।
 
हालांकि उनकी बहन फरयाल तालपुर को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अदालत ने फर्जी बैंक खाता केस में आरोपी फरयाल की भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अब दोनों भाई-बहनों के पास उच्चतम न्यायालय में अपील करने का विकल्प है।
 
शुरुआत में जरदारी के समर्थकों और राजनीतिक सहयोगियों ने गिरफ्तारी का प्रतिरोध किया, लेकिन बाद में सुरक्षा टीम को उनके घर में दाखिल होने दिया गया और बातचीत के बाद 63 साल के नेता ने खुद को एनएबी टीम के हवाले कर दिया।
 
टीवी फुटेज में दिखाया गया कि जरदारी अपने घर से बाहर आ रहे हैं और काले रंग की एक लैंडक्रूजर में बैठने से पहले अपनी छोटी बेटी असीफा को गले लगा रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति को गाड़ी में ले जाते वक्त उन्हें विदा करने के लिए पीपीपी के कई कार्यकर्ता और जरदारी के बेटे बिलावल भी आए।
 
जरदारी को इस्लामाबाद के मेलोडी इलाके में एनएबी परिसर ले जाया गया, जहां उन्हें अदालत में पेश किए जाने तक रखा जाएगा। साल 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रह चुके जरदारी ने फर्जी खातों से अपने संबंधों से इंकार किया है। उन्होंने कहा है कि विपक्षी नेताओं की छवि धूमिल करने के लिए सत्ताधारी पार्टी की ओर से बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है।
 
फर्जी बैंक खाता केस की जांच कर रहे एनएबी ने रविवार को दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था। यह मामला धन रखने और धन को पाकिस्तान से बाहर भेजने के लिए कथित फर्जी बैंक खातों के इस्तेमाल से जुड़ा है। एनएबी के अधिकारियों के मुताबिक दोनों ने कथित फर्जी बैंक खातों के जरिए 15 करोड़ रुपए का लेन-देन किया है।
 
फर्जी बैंक खातों के केस में धनशोधन के पहलू को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद एनएबी की ओर से की जा रही जांच के हिस्से के तौर पर जरदारी के खिलाफ इस मामले में कार्यवाही की जा रही है। इस बीच पीपीपी ने विचार-विमर्श के लिए एक बैठक बुलाई है ताकि जरदारी और तालपुर के भविष्य के कानूनी विकल्पों को तलाशा जा सके।
 
पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के प्रवक्ता मुस्तफा नवाज खोखर ने देशभर में अपनी पार्टी के समर्थकों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें। 
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