इंदौर में खत्म होता खाकी का रुआब, एक महीने में पुलिस पर 3 हमले, एक हत्या, सरेआम पिटते पुलिसकर्मी
जिस खाकी वर्दी को देखकर गुंडे, बदमाश और हिस्ट्रीशीटर्स की पतलून गीली हो जाती थी, ऐसा लग रहा है कि उस खाकी का खौफ और रुआब इंदौर में नहीं रहा। कुल मिलाकर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वह पुलिस तक को नहीं बख्श रहे हैं। सिर्फ इंदौर की ही बात करें तो पिछले एक महीने में तीन बार पुलिस पर हमले हुए हैं। एक मामले में तो एक पुलिसकर्मी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पिछले एक महीने में पुलिसकर्मियों के साथ हुई ये तीन घटनाएं न सिर्फ कमिश्नरी सिस्टम पर सवाल उठा रही है, बल्कि आम लोगों में भी यह डर पैदा कर रही है कि जब खाकी ही सुरक्षित नहीं तो आम आदमी को कैसे मिलेगी सुरक्षा।
केस 01 : अब एसआई को मारा, बैज छीना, वीडियो बनाया
इंदौर से कानून व्यवस्था को तार-तार करने वाला एक मामला बुधवार को सामने आया। बाणगंगा के सब इंस्पेक्टर तेरेश्वर इक्का के साथ नशे की हालत में कुछ लोगों ने बदतमीजी और मारपीट की। सबये ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि इन लोगों ने इस घटना का वीडियो भी बनाया है और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया। मामला इंदौर के बाणगंगा थाने का है। यहां थाने की ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर के साथ नशे में धुत एक पुलिसकर्मी और उसके साथियों ने पहले तो बदतमीजी की और वर्दी पर लगा उसका बैज छीन लिया। इतने से उनका दिल नहीं भरा तो उन्होंने सब इंस्पेक्टर को जबरदस्ती अपने साथ थार गाड़ी में बैठाकर ले गए। फिर बीच रास्ते में उतारकर उसके साथ गली-गलौच और मारपीट की। इस दौरान उनका एक साथी इस पूरी घटना का बेशर्मी से वीडियो बना रहा था। सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हुआ।
यह घटना उस वक्त हुई जब थार जीप में सवार आरोपी विकास और उसके तीन साथी शराब पीते हुए पकड़े गए। एसआई तेरेश्वर इक्का ने जब उन्हें रोका, तो वे नशे की हालत में विवाद करने लगे। एसआई को जबरन अपनी जीप में बैठाकर मजदूरों के सामने माफी मंगवाई और उन पर वसूली का आरोप भी लगाया। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। घटनास्थल पर मारपीट के दौरान एसआई ने वायरलेस सेट पर कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। वहीं, सड़क से गुजरने वाले लोग भी रुककर उनकी मदद करने से बचते रहे।
केस 02 : इंस्पेक्टर की हत्या
इंदौर के खजराना बायपास इलाके में मिले शव की पहचान पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल (पीआरटीएस) के इंस्पेक्टर प्रभात नारायण चतुर्वेदी के रूप में की गई थी। उन्हें पत्थरों से कुचलकर बेरहमी से मार दिया गया और फिर उनका शव बायपास पर एक गार्डन के पास फेंक दिया गया था। बाद में खुलासा हुआ था कि एक ऑटो चालक ने विवाद के बाद बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी।
केस 03 : पार्क में पुलिसकर्मियों से पिटाई
इंदौर के रीजनल पार्क में कुछ युवकों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी। उनके साथ धक्का मुक्की और गालीगलौच कर डाली। दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग रीजनल पार्क में शराब पी रहे हैं। सूचना पर पुलिस के कुछ जवान वहां पहुंचे तो युवकों ने उनके साथ विवाद किया और धक्का मुक्की कर मारपीट भी की। सोशल मीडिया में इसका वीडियो वायरल हुआ था।
जेल प्रहरी गिरफ्तार : घटना के बाद एसआई तेरेश्वर इक्का ने थाने में घटना के बारे में बताया, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसक बाद पहले पुलिसकर्मी का मेडिकल कराया गया और बाद में थार गाडी के नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू हो गई है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें एक जोबट जेल में तैनात जेल प्रहरी भी शामिल है। दो आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगी हुई है।
नहीं हो सकी कमिश्नर से चर्चा : बता दें कि इसके अलावा भी शहर में आए दिन पुलिस के साथ झुमाझटकी और विवाद सामने आते रहते हैं। हाल ही पुलिस विभाग ने एक मामले में एक थाने के टीआई को डिमोट किया था। कुल मिलाकर इंदौर पुलिस को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में हैं। इन सभी मामलों में और पुलिस पर हो रहे हमलों को लेकर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे चर्चा नहीं हो सकी। कमिश्नर के पीए ने बताया कि श्री सिंह ऑफिस में नहीं है। अभी उनसे बात नहीं हो सकेगी।