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  4. It will take 5 months to remove Indore BRTS, it was demolished at night
Last Updated : शनिवार, 1 मार्च 2025 (13:15 IST)

5 महीने लगेंगे इंदौर का BRTS हटाने में, रात में तोड़ा 100 मीटर, अब आगे क्‍या प्‍लान होगा, जनता उठा रही सवाल

12 साल पहले 300 करोड़ में बना, जनता ने उठाया सवाल, तोड़ना था तो बनाया क्‍यों?

BRTS
हाई कोर्ट से आदेश मिलते ही इंदौर के BRTS (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने का काम रात में ही शुरू हो गया। नगर निगम ने शुक्रवार की रात करीब 11:30 बजे से BRTS की रैलिंग को तोड़ने का काम शुरू कर दिया। BRTS तोड़ने की शुरुआत जीपीओ चौराहा से शिवाजी वाटिका के बीच की गई। यातायात थमते ही देर रात निगम की टीम जीपीओ चौराहा पहुंची और यहां गैस कटर की मदद से BRTS की रैलिंग को काटना शुरू किया।
बता दें कि लंबे समय से BRTS को हटाने को लेकर कवायद चल रही थी। हालांकि इसे हटाए जाने पर प्रशासन पर सवाल भी उठ रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि जब हटाना ही था तो जनता ने इसके लिए जो टैक्‍स दिया है उसे कौन लौटाएगा, कौन इसकी भरपाई के लिए जिम्‍मेदार है। बता दें कि 12 साल पहले करीब 300 करोड़ की लागत से BRTS बनाया गया था, जिसमें आसपास आम वाहन और BRTS लेन में आई बस चलाई जा रही थी।

5 महीने लगेंगे हटाने में : बता दें कि राजीव गांधी चौराहे से देवास नाका तक 11.45 किमी लंबे इस कॉरिडोर को पूरी तरह से हटाने में कम से कम चार से पांच महीने का समय लगेगा। अधिकारियों के मुताबिक जहां कॉरिडोर का हिस्सा तोड़ा जाएगा, वहां आई-बसें मिक्स लेन में चलाई जाएंगी। फिलहाल मशीन से बीआरटीएस के बीम को उखाड़ा जा रहा है। इसके पहले सिटी बस ऑफिस में हुई बैठक में बीआरटीएस तोड़ने के संबंध में चर्चा हुई। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगमायुक्त शिवम वर्मा सहित अन्य अधिकारी इसमें शामिल हुए। फिलहाल बीआरटीएस के बस स्टाप बंद कर दिए गए हैं। जल्‍द ही सड़क किनारे अस्थायी बस स्‍टॉप की व्यवस्था की जाएगी।

क्‍यों उठ रहे सवाल : हालांकि BRTS हटाने को लेकर प्रशासन की भूमिका पर सवाल भी उठ रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि 300 करोड की लागत से बनाया गया यह BRTS अब तोडा जा रहा है। इसका साफ मतलब हुआ कि इसे भविष्‍य को देखते हुए नहीं बनाया गया था। लोगों का कहना है कि इंदौर की जनता की जेब से जो टैक्‍स वसूला गया उसे लेकर कौन जवाब देगा। गौतम काशिफ ने बताया कि अगर हटाना ही था तो 300 करोड़ धन खर्च क्‍यों किया गया। व्‍यापारी मोहन वर्मा का कहना है कि यह भी प्रशासन के भ्रष्‍टाचार करने का एक तरीका है। पहले किसी योजना पर काम करो, फिर उसे रिजेक्‍ट कर के नई योजना बनाओ और उस पर धन खर्च करो। लेकिन इसका हिसाब किसी के पास नहीं।

300 करोड़ में 12 साल पहले बना था: बता दें कि इंदौर में अहमदाबाद की तर्ज पर करीब 12 साल पहले 300 करोड़ की लागत से यह BRTS बनाया गया था। ऐसी व्‍यवस्‍था की गई थी कि इसमें सिटी और आई बसें चलाई जाएगी। इसके आसपास आम वाहन चालकों की लेन रहेगी। इसे लेकर कई बार विवाद और बहस होती रही है। अब इसे लेकर लगी याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इसे हटाने की मंजूरी दी है। अब एक दो दिन में नगर निगम बीआरटीएस की बस लेन हटाने का काम शुरू करेगा।

हटने के बाद होगा सर्वे और फिर टेंडर : महापौर पुष्‍यमित्र भार्गव ने बताया कि चिह्नित स्थानों से रैलिंग हटाने के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर का सर्वे करवाया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि बीआरटीएस कॉरिडोर तोड़े जाने से लोक परिवहन में कोई बदलाव नहीं होगा। जैसे अभी बसें चल रही हैं, वैसे ही चलती रहेंगी। इतना जरूर है कि अब आई बसों को मिक्स लेन में चलना होगा। बीआरटीएस हटाने के बाद अब एबी रोड 60 मीटर चौड़ी हो जाएगी। यहां बसें भी बढ़ाने की योजना चल रही है। जहां बड़े चौराहों निकलेंगे वहां पर फ्लाइओवर बनाने पर विचार किया जा रहा है।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल