इंदौर में 200 कॉलोनाइजरों पर FIR, 135 कॉलोनियों को किया वैध, शहर में क्यों बढ़ रहा अवैध प्रॉपर्टी का धंधा?
सीएम ने दिया था कॉलोनाइजरों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश, प्रदेश में 8 हजार अवैध कॉलोनियां चिन्हित
लगातार विकसित होते इंदौर में भूमाफिया और अवैध कॉलोनियां काटने का धंधा लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन कई लोग अवैध प्लॉट खरीदने के शिकार हो जाते हैं। जनसुनवाई से लेकर कलेक्टर से सीधे मिलकर ऐसे कई लोग शिकायतें लेकर आ रहे हैं, जो इस अवैध धंधे का शिकार हो गए हैं। कभी एक ही प्लॉट को दो लोगों के बेच देने का मामला सामने आता है तो कभी भोलेभाले लोगों को अवैध कॉलोनी में मकान या प्लॉट बेच दिया जाता है। एक बार पैमेंट हो जाने के बाद लोग बिल्डरों या कॉलोनादइजरों के चक्कर काटते रहते हैं।
हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए थे कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब शासन ने इंदौर समेत पूरे प्रदेश में वैध-अवैध कॉलोनियों की सूची जारी की है, जिससे आम जनता को धोखाधड़ी से बचाया जा सके। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
पूरे प्रदेश में 8 हजार कॉलोनियां अवैध : हाल ही में शासन ने अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ मोर्चा खोला है। इस कार्रवाई मे सामने आया है कि पूरे प्रदेश में हजारों कॉलोनियां अवैध हैं। शासन का दावा है कि प्रदेश में 8 हजार से ज्यादा कॉलोनियां चिन्हित की गई है और 600 एफआईआर इनमें दर्ज करवाई गई। इंदौर नगर निगम की बात करें तो अभी तक 135 कॉलोनियां पिछले 2 सालों में वैध की गई और लगभग 200 एफआईआर कॉलोनाइजरों के खिलाफ दर्ज की गई। इसमें जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई अलग है।
100 कॉलोनियों की सूची तैयार : कलेक्टर आशीष सिंह ने भी ग्रामीण क्षेत्र में विकसित की जा रही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ जांच शुरू करवाई है और लगभग 100 कॉलोनियों की सूची तैयार की गई, जिनमें अब लगातार आदेश अपर कलेक्टर गौरव बैनल द्वारा जारी किए जा रहे हैं और अभी तक उनके द्वारा ही 46 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। इधर, निगम सीमा की बात करें तो नगर निगम के कॉलोनी सेल द्वारा जो नियमितिकरण की प्रक्रिया शासन ने शुरू करवाई उसके चलते 636 अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार की गई। मगर इनमें से लगभग 350 अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं जो किसी सूरत में वैध नहीं हो सकती। ये कॉलोनियां ग्रीन बेल्ट, नजूल, प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड की जमीनों पर काबिज है।
135 वैध, 200 एफआईआर : बता दें कि वैध की जा सकने योग्य कॉलोनियों के लिए ही निगम ने नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी करवाई और अभी तक 135 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। इसके साथ ही लगभग 200 एफआईआर भी निगम ने दर्ज करवाई है, क्योंकि नियम यही है कि कोई भी कॉलोनी को जब वैध किया जाता है तो उसके कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना पड़ती है। बता दें कि अवैध कॉलोनियों की सूची में लगभग 335 कॉलोनियां शामिल हैं। वहीं वैध कॉलोनियों की बात करें तो नगर निगम ने जिन्हें अनुमतियां दी हैं और जो कॉलोनियां अवैध से वैध हुईं उनकी कुल संख्या लगभग 950 है।
प्रदेश में 8 हजार अवैध कॉलोनियां चिन्हित : शासन के नगरीय प्रशासन और आवास मंत्रालय ने 8 हजार अवैध कॉलोनियों को प्रदेशभर में चिन्हित किया और उसके साथ ही वैध कॉलोनियों की सूची भी ऑनलाइन जारी की है। अभी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई की समीक्षा की और इंदौर सहित सभी निकायों को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए और साथ ही यह भी कहा कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ वहां पर इस आशय के बोर्ड भी लगवाए जाएं कि उक्त कॉलोनी अवैध है, ताकि आम जनता ठगी का शिकार होने से बच सके।
आए दिन आती हैं शिकायतें : बता दें कि इंदौर में अवैध कॉलोनियों में लोगों को प्लॉट बेचकर उलझा देने की कई शिकायतें मिल रही हैं। जनसुनवाई में ऐसे कई मामले सामने आते हैं। हाल ही में एक मामला यह आया था कि एक ही प्लॉट दो लोगों को बेच दिया गया। लगातार विकसित होते इंदौर में इस तरह अवैध प्रापर्टी का धंधा करने वालों की संख्या बढती जा रही है। ऐसे में अब प्रशासन इन पर कितनी और कब तक नकेल कसता है यह देखने वाली बात है।
Edited By: Navin Rangiyal