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Last Modified: शनिवार, 15 अगस्त 2020 (20:02 IST)

Independence Day : PM मोदी ने सुझाया आत्मनिर्भर भारत से विश्व कल्याण का रास्ता

Independence Day : PM मोदी ने सुझाया आत्मनिर्भर भारत से विश्व कल्याण का रास्ता - Narendra Modi Independence Day speech
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को आत्मनिर्भर भारत की अपनी परिकल्पना को विश्व-कल्याण से जोड़ते हुए ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘ मेक फार वर्ल्ड’ का नया नारा दिया जिसमें देश को वैश्विक विनिर्माण और आपूर्ति के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभारने का संकल्प जताया गया है।
 
मोदी ने आर्थिक नीतियों में सुधार, कारोबार की सुगमता और अर्थव्यवस्था को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए 110 लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजना पाइपलाइन (एनआईपी) तैयार किए जाने जैसे सरकार की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए आज जरूरी आत्मविश्वास से भरा हुआ है।
 
मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां आज भारत की तरफ देख रही हैं। सरकार ने एक के बाद एक, एक-दूसरे से जुड़े जो सुधार किए हैं उसके परिणाम दिख रहे हैं और यही वजह है कि बीते वर्ष भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बीते वर्ष देश में एफडीआई में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनियों ने कोराना संकट के दौरान भी भारत में भारी पूंजी निवेश किया है। भारत में उनका विश्वास बढ़ा है।
 
मोदी ने यह बात ऐसे समय कही है जब चीन के बदलते तेवरों को देखते हुए दुनिया आपूर्ति के नए भरोसेमंद केंद्र की तलाश कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम आत्मनिर्भर की बात करते हैं तो दुनिया को उत्सुकता भी है, भारत से अपेक्षा भी है ...और इसलिए हमें उस अपेक्षा को पूरा करने के लिए अपने- आपको योग्य बनाना, तैयार करना बहुत आवश्यक है। आत्मनिर्भर भारत की पहली शर्त होती है- आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत .. उसकी यही नींव होती है .. और यही विकास को नई गति, नई ऊर्जा देने का सामर्थ्य रखती है।
 
अपने करीब डेढ़ घंटे (86 मिनट) के संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प केवल ‘मेक इन इंडिया नहीं है बल्कि मेक फॉर वर्ल्ड (दुनिया के लिए विनिर्माण) है। आज पूरी दुनिया आपस में एक-दूसरे से जुड़ी है। एक-दूसरे पर निर्भर है, इसलिए समय की मांग है कि विश्व अर्थव्यवस्था में भारत जैसे विशाल देश का योगदान बढ़ना चाहिए। विश्व कल्याण के लिए भी यह भारत का कर्तव्य है। ऐसे में भारत को अपना योगदान बढ़ाना है तो भारत को स्वयं को सशक्त होना होगा, भारत को आत्मनिर्भर होना होगा, हमें जगकल्याण के लिए भी अपने आपको सामर्थ्यवान बनाना होगा।
 
उन्होंने देश में उपलब्ध अथाह प्राकृतिक संपदा का उल्लेख करते हुए कहा कि क्या कुछ नहीं है देश में। ‘समय की मांग है कि हमारे इन प्राकृतिक संसाधनों में हम मूल्य वर्धन करें। हम अपनी मानव संपदा में मूल्यवृद्धि करें, नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हम देश से कब तक कच्चा माल विदेश भेजते रहेंगे ...कच्चा माल दुनिया में भेजना और तैयार माल दुनिया से वापस लाना यह खेल कब तक चलेगा। हमें आत्मनिर्भर बनना होगा। हमारी हर शक्ति पर वैश्विक आवश्यकताओं के अनुसार मूल्यवृद्धि करनी है। यह हमारा दायित्व है।
 
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र हो चाहे अंतरिक्ष क्षेत्र हो, हर क्षेत्र में देश नए कदम उठा रहा है। अंतरिक्ष क्षेत्र को भी खोल दिया गया है। देश में युवाओं को अवसर मिला है। ‘एक समय था जब हम बाहर से गेहूं मंगवा करके अपना पेट भरते थे, लेकिन हमारे देश के किसानों ने वो कमाल करके दिखा दिया, आत्मनिर्भर भारत आज कृषि क्षेत्र में बना है। भारत के किसान आज नागरिकों का पेट तो भरते ही हैं .. भारत उस स्थिति में है कि दुनिया में जिसको जरूरत है उसको भी हम अन्न दे सकते हैं। विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने कृषि जगत को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।
 
मोदी ने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुख्य जोर 110 लाख करोड़ रुपए के राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की जो पाइपलाइन है उसको अमल में लाना है। ‘‘इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों की लगभग 7 हजार परियोजनाओं को चिन्हित भी किया जा चुका है। यह बुनियादी ढांचा क्रांति की तरह होगा। मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय ढांचागत परियोजनाएं देश को कोविड-19 संकट के प्रभाव से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
 
उन्होंने कहा कि अब बुनियादी ढांचा विकास के क्षेत्र में लगी राष्ट्रीय एजेंसियों के अलग-अलग रहकर काम करने के युग को समाप्त करने का समय आ गया है। इसके लिए पूरे देश को मल्टी मॉडल संपर्क ढांचागत सुविधा से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है।
 
मोदी ने इंटरनेट प्रौद्योगिकी के दौर में साइबर सुरक्षा को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार जल्द ही एक समन्वित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति का खाका प्रस्तुत करेगी।
 
गौरतलब है कि लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ तनाव के बाद सरकार ने टिकटॉक समेत विभिन्न मोबाइल ऐप पर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही भारत की सीमा से लगे देशों की कंपनियों से आने वाले निवेश पर नियंत्रण भी लगाया गया है।
 
प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय वस्तुओं का मान देने और उसका प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।
 
उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल, लोगों को हुनरमंद बनाने का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में सुधार लाएगा और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को गति देगा।
 
कोरोनावायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ से लोगों को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए किए गए उपायों का जिक्र करते उन्होंने कहा कि 7 करोड़ परिवार को मुफ्त रसोई गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराए गए, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन और गरीबों, किसानों, वंचितों के बैंक खातों में विभिन्न योजनाओं में करीब 90,000 करोड़ अंतरित किए गए हैं।
 
मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान लोगों को अपने घर के लिए होम लोन की ईएमआई (मासिक किस्त) देने पर मोहलत देकर भुगतान अवधि के दौरान 6 लाख रुपए तक की छूट मिल रही है। हजारों अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए के कोष की स्थापना हुई है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं। बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। आने वाले एक हजार दिन में (तीन साल से कम समय में) ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश के 1,300 से ज्यादा द्वीप हैं, इनमें से कुछ को विकसित करने पर हम आगे बढ़ रहे हैं। लक्षद्वीप को भी अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की तरह समुद्री ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा ताकि वहां भी उच्च गति के इंटरनेट और मोबाइल संपर्क की सुविधा उपलब्ध हो।
 
उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार में समुद्री तटों का अपना बहुत महत्व होता है। देश आज बंदरगाह से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में समुद्री तट के पूरे हिस्से में चार लेन की सड़क बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
 
मोदी ने कहा कि इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढने के साथ देश के लिए मजबूत समन्वित साइबर सुरक्षा व्यवस्था का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा नीति का खाका जल्द आएगा। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।
 
उन्होंने कहा कि पेट्रोल में मिश्रण के लिए पिछले 5 साल में एथेनॉल का उत्पादन 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 200 करोड़ लीटर से अधिक हो गया है। इससे एक तरफ तेल आयात में कमी लाने में मदद मिली है जबकि दूसरी तरफ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिला।
 
मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान 130 करोड़ भारतीयों ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है। उन्हें भरोसा है कि भारत इस सपने को साकार करेगा।
 
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत का हमेशा से मानना रहा है कि पूरी दुनिया एक परिवार है। ‘आर्थिक वृद्धि और विकास पर हमारा जोर है लेकिन इसके केंद्र में मानवता है।’ उन्होंने कहा हमारे यहां शास्त्रों में एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण बात कही गई है। शास्त्रों में कहा गया है-  ‘सामर्थ्यमूलं स्वातंत्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्’ यानि किसी समाज की किसी भी राष्ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है .. और उसके वैभव, उन्नति, प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है, इसलिए सामान्य नागरिक -शहर हो या गांव  उसकी मेहनत का कोई मुकाबला नहीं है। (भाषा)