रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. हिन्दू धर्म
  4. Mangala teras vrat 2022
Written By

मंगला तेरस के दिन क्या करते हैं, जानिए धार्मिक महत्व

mata parvati
हर साल आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन एक विशेष व्रत किया जाता है जिसे मंगला तेरस (mangala teras vrat) के नाम से जाना जाता है। इस बार ये व्रत 11 जुलाई 2022, दिन सोमवार को रखा जा रहा है। इसे जया-पार्वती (Jaya Parvati) अथवा विजया-पार्वती व्रत (Vijaya Parvati Vrat ) के नाम से भी जाना जाता है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार मंगला तेरस व्रत का रहस्य भगवान श्री विष्णु ने माता लक्ष्मी को बताया था। इसी दिन सोम प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। 
 
यह पर्व गणगौर, हरतालिका तीज, मंगला गौरी और सौभाग्य सुंदरी व्रत से मिलता-जुलता ही है। यह व्रत सावन मास शुरू होने से पहले आता है इसीलिए यह व्रत बहुत चमत्कारी माना गया है। यह व्रत माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, इस दिन मुख्य रूप से मां पार्वती की पूजा की जाती है। 
 
इस दिन माता पार्वती को लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, कुमकुम और सुहाग की चीजें अर्पित करने से माता प्रसन्न होती हैं। पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
 
आषाढ़ मास की त्रयोदशी तिथि पर यानी मंगला तेरस व्रत के दिन भगवान शिव-पार्वती (Lord Shiv-Pravati Worship) की पूजा करने से जहां हर कार्य में सफलता मिलती है, वहीं यह व्रत दुर्भाग्य दूर करके सौभाग्य बढ़ाने वाला माना जाता है। 
 
इस व्रत के धार्मिक महत्व के अनुसार भगवान शिव जी तथा माता पार्वती को प्रसन्न करके उनकी कृपा पाने के लिए यह व्रत बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। मंगला तेरस के दिन शिव-पार्वती का पूजन करके दिन भर व्रत रखने तथा सायंकाल में खीर का भोग कर उसी प्रसाद से अपना व्रत खोलने से भी देवी प्रसन्न होती हैं।

मंगला तेरस के दिन देवी पार्वती का पूरे दिन स्मरण करने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, पुत्र प्राप्ति तथा कुंआरी युवतियां योग्य वर की कामना से यह रखती हैं। इस दिन शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ उमामहेश्वराभ्यां नम:' या 'ॐ गौरये नम:' तथा 'ॐ शिवाये नम:' मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए। 
ये भी पढ़ें
श्रावण मास में 12 राशियों के लोग Dry Fruits चढ़ाएं अपनी राशि के अनुसार