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Last Modified: शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023 (11:41 IST)

मां बगलामुखी कौन हैं? बगलामुखी का क्या मतलब है? बगलामुखी माता का वार कौन सा है? मां को कैसे खुश करें?

मां बगलामुखी कौन हैं? बगलामुखी का क्या मतलब है? बगलामुखी माता का वार कौन सा है? मां को कैसे खुश करें? - Maa Baglamukhi Jayanti 2023
Baglamukhi Jayanti 2023: वैशाख माह की अष्टमी तिथि के दिन मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है। आज 28 अप्रैल 2023 शुक्रवार के दिन माता का प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है। आओ जानते हैं कि कौन है माता बगलामुखी, क्या मतलब है बगलामुखी शब्द का। बगलामुखी माता का वार कौन सा है और मां को कैसे खुश करें? जानिये सभी कुछ।
 
मां बगलामुखी कौन हैं?
10 महाविद्याओं में से एक 8वीं महाविद्या बगलामुखी है। बगलामुखी देवी का प्रकाट्य स्थल गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में माना जाता है। कहते हैं कि हल्दी रंग के जल से इनका प्रकाट्य हुआ था। इसी कारण माता को पीतांबरा कहते हैं। मुकदमे आदि में इनका अनुष्ठान सफलता प्राप्त करने वाला माना जाता है। इनकी आराधना करने से साधक को विजय प्राप्त होती है। शुत्र पूरी तरह पराजित हो जाते हैं।
 
क्या अर्थ है बगलामुखी का?
बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ होता है दुल्हन। कुब्जिका तंत्र के अनुसार, बगला नाम तीन अक्षरों से निर्मित है व, ग, ला; 'व' अक्षर वारुणी, 'ग' अक्षर सिद्धिदा तथा 'ला' अक्षर पृथ्वी को संबोधित करता है। अत: मां के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम प्राप्त है।
बगलामुखी माता का वार कौन सा है?
माता का वार शुक्रवार माना जाता है, कुछ विद्वान गुरुवार को पूजा का विधान बताते हैं। उनकी तिथि अष्टमी है।
 
मां को कैसे खुश करें?
- हल्दी या पीले कांच की माला से आठ माला 'ऊँ ह्नीं बगुलामुखी देव्यै ह्नीं ओम नम:' दूसरा मंत्र- 'ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ॐ स्वाहा।' मंत्र का जाप कर सकते हैं।
 
- देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें, देवी की मूर्ति पर पीला वस्त्र चढ़ाने से बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट होती है, बगलामुखी देवी के मन्त्रों से दुखों का नाश होता है। जाप के नियम किसी जानकार से पूछें।
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