मंगलवार, 19 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. हिन्दू धर्म
  4. Jyeshtha maas me kya khaye
Written By
Last Modified: मंगलवार, 17 मई 2022 (18:03 IST)

ज्येष्ठ मास की 10 बड़ी बातें, क्या और क्यों है महत्व इस माह का

Ram n Hanuman
Jyeshta month 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह अंतिम माह होता है इसके बाद चैत्र माह वैशाख और फिर ज्येष्ठ। इस बार ज्येष्ठ का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 17 मई 2022 से ज्येष्ठ माह प्रारंभ हो गया है। आओ जानते हैं इस माह की 10 बड़ी बातें।
 
 
महत्व : ज्येष्ठ मास में सूर्य की तपन अपने चरम पर रहती है। इसीलिए सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस महीने को ज्येष्ठ कहा जाता है। इन दिनों सर्वाधिक बड़े दिन होते हैं। इस माह में नौतपा भी लगता है। शास्त्रों में इसी माह में जल के संरक्षण का महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ मास में जल के दान को बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। ज्येष्ठ के महीने में भगवान श्रीराम से हनुमान की मुलाकात हुई थी, जिसके चलते ये इस माह के मंगलवार पर हनुमान पूजा का खासा महत्व रहता है।
 
निम्नलिखित चौपाई से यह पता चलता है कि किस माह में क्या कार्य नहीं करना चाहिए।
 
।।चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।
सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।
अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।।।
 
।।चैत चना, बैसाखे बेल, जैठे शयन, आषाढ़े खेल, सावन हर्रे, भादो तिल।
कुवार मास गुड़ सेवै नित, कार्तिक मूल, अगहन तेल, पूस करे दूध से मेल।
माघ मास घी-खिचड़ी खाय, फागुन उठ नित प्रात नहाय।।
cycling benefits
ज्येष्ठ माह में क्या करना और क्या नहीं चाहिए (Do's and Don'ts in Jyeshtha Month):
 
1. ज्येष्ठ माह में दोपहर में चलना खेलना मना है। इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अधिक से अधिक शयन करना चाहिए।
 
2. इस माह बेल खाना चाहिए या बेल का रस पीना चाहिए।  इस माह में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। 
 
3. इस माह में लहसुन, राईं, गर्मी करने वाली सब्जियां और फल नहीं खाना चाहिए।
 
4. इस माह में जल की पूजा की जाती है। इस माह में जल को लेकर दो त्योहार मनाए जाते हैं, पहला गंगा दशहरा और दूसरा निर्जला एकादशी। 
 
5. घाघ ने कहा कि जो व्यक्ति ज्येष्ठ माह में दिन में सोता है वह रोगी होती है।
 
6. इस माह में बैंगन खाने से दोष लगता है और रोग उत्पन्न होता है। यह संतान के लिए शुभ नहीं होता है।
 
7. ज्येष्ठ के माह में ज्येष्ठ पुत्र या पुत्री का विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है।
 
8. ज्येष्ठ माह में एक समय भोजन करना वाला निरोगी रहता है। महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है- 'ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।
 
9. इस माह तिल का दान करने से अकाल मृत्यु से जातक बचा रहता है।
 
10. ज्येष्ठ माह में हनुमानजी की प्रभु श्रीराम से मुलाकात हुई थी। इसीलिए इस माह में हनुमानजी की पूजा करने से लाभ मिलता है।