जीवन की राह में
उजाला : 6 छोटी कविताएँ
रवीन्द्र नारायण पहलवान उजाला-1असत्यअंधकार हैऔर सत्यउजाला है।उजाला-2वह रोशनी चाहिएजोमन के अंधकार कोप्रकाशित कर दे ।उजाला-3मैं रवि और खोज रहा हूँ प्रकाश को। उजाला-4अभी तकमार्ग, मुझे इसलिएनहीं दिख रहा थाक्योंकिमैं प्रकाश डाल रहा थास्वयं पर।
उजाला-5जाग उठा हूँ मैंक्योंकि उजाला अबदिखाई देने लगा है ।उजाला-6 एक नन्हा दीपककाफी हैजीवन की राह में।